Vistaar NEWS

Chhattisgarh: स्कूलों व आंगनवाड़ियों की खस्ताहाली पर हाई कोर्ट नाराज, शिक्षा और महिला बाल विकास विभाग से मांगा जवाब

Bilaspur High Court

बिलासपुर हाई कोर्ट (File Photo)

Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने प्रदेश के सरकारी स्कूलों और आंगनवाड़ी केंद्रों की जर्जर हालत को लेकर सख्त रुख अपनाया है. कोर्ट ने स्कूल में करंट से झुलसे तीसरी कक्षा के छात्र और 187 जर्जर आंगनवाड़ी भवनों पर प्रकाशित समाचारों पर संज्ञान लेते हुए संयुक्त संचालक, शिक्षा विभाग को व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है. मामले की अगली सुनवाई आज होगी.

स्कूलों व आंगनवाड़ियों की खस्ताहाली पर हाई कोर्ट नाराज

हाई कोर्ट में दायर शपथपत्र के अनुसार, 8 जुलाई 2025 को बलौदाबाजार जिले के सेंडरी प्राथमिक स्कूल में तीसरी कक्षा के छात्र खिलेश्वर पटेल के हाथ में स्कूल भवन की दीवार से करंट आ गया था. हेडमास्टर और अन्य शिक्षक तुरंत मौके पर पहुंचे और छात्र को अलग कर अस्पताल ले जाया गया. बाद में उसे बेहतर इलाज के लिए बिलासपुर के सृष्टि अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां वह 14 जुलाई तक भर्ती रहा. जांच में सामने आया कि स्कूल की बिल्डिंग में बारिश के कारण पानी जमा था, और बिजली की पुरानी वायरिंग से करंट दीवारों में फैल गया था.

ये भी पढ़े- छत्तीसगढ़ में कार्टून वार अब जानवरों पर आई, कांग्रेस-बीजेपी ने पोस्ट किए आपत्तिजनक कार्टून…मीम पर मचा बवाल

शिक्षा और महिला बाल विकास विभाग से मांगा जवाब

सीएसपीडीसीएल (बिजली कंपनी) और स्कूल प्रशासन ने बाद में वायरिंग बदलवाई, लेकिन घटना के बाद ही यह कार्रवाई हुई. हाई कोर्ट ने इस पर तीखी टिप्पणी करते हुए कहा कि, राज्य के 45 हजार से अधिक स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की सुरक्षा की जिम्मेदारी शिक्षा विभाग की है. किसी बच्चे की जान जाए, तो पैसे से उसकी भरपाई नहीं की जा सकती.

Exit mobile version