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आजादी के बाद पहली बार Bastar के इस गांव में पहुंची बिजली, लोगों का ऐसा रहा रिएक्शन

Bastar

चिल्का पली गांव

Bastar: बस्तर में अब माओवाद की धुंध छट रही है. इसी का नतीजा कि बीहड़ इलाकों में विकास की बयार बहने लगी है. इसका जीता जागता उदाहरण है, बीजापुर का चिल्का पल्ली गांव, जो गणतंत्र दिवस पर अंधेरे की गुलामी से बाहर आया है. देश की आजादी के इतने वर्षों बाद नक्सल समस्या से घिरे इस गांव में ना सिर्फ बिजली पहुंची है बल्कि CRPF की तैनाती से माओवाद की काली परछाई भी दूर हुई है.

चिल्कापली गांव में पहली बार पहुंची बिजली

बीजापुर जिले के चिल्कापली गांव के लोगों के लिए 76वां गणतंत्र दिवस यादगार बन गया है. 26 जनवरी के मौके पर इस गांव को विकास का एक अहम तोहफा मिला है, जिससे हर किसी के चेहरे पर खुशी है. उनके चेहरों पर एक नई उम्मीद की झलक दिख रही है. दरअसल, यह गांव विकास की एक नई रोशनी से जगमगा उठा है. यहां के ग्रामीण कई दशकों से बुनियादी सुविधाओं से वंचित थे. बरसों तक अंधेरे के साए में रहने वाले गांव में अब सुशासन का सुर्योदय हो चुका है.

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‘नियद नेल्लानार योजना’ का मिल रहा लाभ

छत्तीसगढ़ सरकार की ‘नियद नेल्लानार योजना’ आशा विश्वास और विकास की नई इबारत लिख रही है. इससे नक्सल प्रभावित गांव विकास की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बढ़ा रहा है. बता दें कि यह गांव बीजापुर जिला मुख्यालय से करीब 50 किमी दूर है और फुतकेल पंचायत का आश्रित. अब तक गांव को जोड़ती पक्की सड़क भी नहीं बनी है, लेकिन बिजली की दस्तक ने ग्रामीणों के जीवन में बड़ा बदलाव जरूर लाया है।

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