CG News: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने मंगलवार को पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल की अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया है. जस्टिस अरविंद वर्मा की सिंगल बेंच ने मामले की सुनवाई के बाद यह फैसला सुनाया है. इससे पहले भी हाई कोर्ट ने चैतन्य द्धारा दायर की गई याचिका को लिबर्टी छूट के साथ खरिज कर दिया था. चैतन्य बघेल ने EOW की गिरफ्तारी की अशंका जताते हुए हाई कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी.
जन्मदिन पर ईडी ने किया था चैतन्य बघेल को गिरफ्तार
ईडी ने 18 जुलाई को भिलाई स्थित आवास से पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA), 2002 के तहत हिरासत में लिया. यह कार्रवाई उसी दिन हुई जब उनका जन्मदिन था.
शराब घोटाले की जांच ईडी ने एसीबी/ईओडब्ल्यू रायपुर द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर शुरू की थी, जिसमें भारतीय दंड संहिता (IPC) की कई धाराएं और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 शामिल हैं. प्रारंभिक जांच से पता चला था कि इस घोटाले से राज्य के खजाने को भारी क्षति हुई और लगभग 2,500 करोड़ रुपये की अवैध कमाई संबंधित लाभार्थियों तक पहुंचाई गई.
शराब घोटाले में चैतन्य बघेल पर ईडी ने किया था बड़ा खुलासा
ईडी की जांच में सामने आया था कि चैतन्य बघेल को शराब घोटाले से 16.70 करोड़ रुपये नकद मिले. इस रकम का उपयोग उन्होंने अपनी रियल एस्टेट कंपनियों में किया. रिपोर्ट के मुताबिक, बघेल ने ठेकेदारों को नकद भुगतान, नकदी के बदले बैंक प्रविष्टियां और अन्य तरीकों से यह पैसो लेन-देन किया था.
जांच में यह भी सामने आया था कि चैतन्य बघेल ने त्रिलोक सिंह ढिल्लों के साथ मिलीभगत कर एक योजना बनाई. इसके तहत ढिल्लों के कर्मचारियों के नाम पर “विठ्ठलपुरम प्रोजेक्ट” में फ्लैट खरीदे हुए दिखाए गए और इसी आड़ में बघेल को लगभग 5 करोड़ रुपये अप्रत्यक्ष रूप से मिले. बैंकिंग ट्रेल भी इस बात की पुष्टि करता है कि लेन-देन के समय ढिल्लों के खातों में शराब सिंडिकेट से रकम पहुंची थी.
