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इटारसी-नागपुर के बीच चौथी रेललाइन को मंजूरी, 6 राज्यों के 13 जिलों में बिछेगी 574 किमी लंबी लाइन

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MP-CG News: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने आज रेल मंत्रालय की कुल 11,169 करोड़ रुपये (लगभग) लागत वाली चार परियोजनाओं को अनुमति प्रदान की. इन परियोजनाओं में इटारसी-नागपुर चौथी लाइन, औरंगाबाद-परभणी दोहरीकरण, अलुआबारी रोड-न्यू जलपाईगुड़ी तीसरी और चौथी लाइन, डांगोपोसी-जारोली तीसरी और चौथी लाइन शामिल हैं.

भीड़ को कम करने के लिए मल्टी-ट्रैकिंग प्रस्ताव

बढ़ी हुई लाइन क्षमता गतिशीलता में काफी वृद्धि करेगी. जिसके परिणामस्वरूप भारतीय रेलवे की परिचालन दक्षता और सेवा विश्वसनीयता में सुधार होगा. ये मल्टी-ट्रैकिंग प्रस्ताव संचालन को सुव्यवस्थित करने और भीड़ को कम करने के लिए निर्मित किए गए हैं. ये परियोजनाएं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नवीन भारत के दृष्टिकोण के अनुरूप हैं, जो क्षेत्र में व्यापक विकास के माध्यम से क्षेत्र के लोगों को “आत्मनिर्भर” बनाने के साथ-साथ रोजगार/स्वरोजगार के अवसर भी सृजित करेंगी.

परियोजनाओं की योजना पीएम-गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान पर बनाई गई है, जिसमें एकीकृत योजना और हितधारक परामर्श के माध्यम से मल्टी-मोडल संपर्कता और रसद दक्षता बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया गया है. ये परियोजनाएं लोगों, वस्तुओं और सेवाओं की आवाजाही के लिए निर्बाध संपर्कता प्रदान करेंगी.

13 जिलों को कवर करने वाली 4 परियोजनाएं

महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, बिहार, ओडिशा और झारखंड राज्यों के 13 जिलों को कवर करने वाली चार परियोजनाओं से भारतीय रेल के मौजूदा नेटवर्क में लगभग 574 किलोमीटर की वृद्धि होगी. प्रस्तावित मल्टी-ट्रैकिंग परियोजना लगभग 2,309 गांवों तक संपर्कता बढ़ाएगी, जिनकी जनसंख्या लगभग 43.60 लाख है.

ये कोयला, सीमेंट, क्लिंकर, जिप्सम, फ्लाई ऐश, कंटेनर, कृषि उत्पाद और पेट्रोलियम उत्पादों आदि जैसी वस्तुओं के परिवहन के लिए आवश्यक मार्ग हैं. क्षमता वृद्धि कार्यों के परिणामस्वरूप 95.91 एमटीपीए (मिलियन टन प्रति वर्ष) सामान की आवाजाही होगी. रेलवे, पर्यावरण अनुकूल और ऊर्जा कुशल परिवहन माध्यम होने के कारण, जलवायु लक्ष्यों को प्राप्त करने और देश की रसद लागत को कम करने, तेल आयात (16 करोड़ लीटर) कम करने और सीओ2 उत्सर्जन (515 करोड़ किलोग्राम) कम करने में मदद करेगा, जो 20 करोड़ पेड़ लगाने के बराबर है.

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