CG News: अब बस्तर में कक्षा तीसरी से आठवीं तक पढ़ने वाले हजारों स्कूली बच्चों का जीरो बैलेंस बैंक खाता खोला जाएगा. इसके लिए जल्द ही शिविर भी लगेगा. राशन कार्ड में बच्चों का नाम होना जरूरी है. जिसके तहत आधार कार्ड से बच्चों की ई केवाईसी की जाएगी. जिससे उन्हें किसी तरह की समस्या ना हो.
बस्तर के इन स्कूली बच्चों का खुलेगा जीरो बैलेंस बैंक खाता
जानकारी के मुताबिक, कलेक्टर हरिस एस ने जिले के लीड बैंक प्रबंधक और डाक विभाग को निर्देश जारी करते हुए आगामी शिक्षण सत्र 2025-26 के लिए जीरो बैलेंस खाते खोलने की प्रक्रिया को तत्काल प्रभाव से लागू करने को कहा है, ताकि बैंक अब मिनिमम बैलेंस के नाम पर छात्रों के पैसों में कटौती न कर सकें.
वहीं सामान्यतः बचत खातों में न्यूनतम राशि न रखने पर बैंक पेनाल्टी काट लेते हैं. राज्य छात्रवृत्ति के तहत मिलने वाली राशि सीमित होती है, ऐसे में मिनिमम बैलेंस की शर्तों के कारण कई बार बच्चों के खाते से पैसा कट जाता था और वे शासन की योजना के वास्तविक लाभ से वंचित रह जाते थे. इसे देखते हुए प्रशासन ने फैसला लिया है कि कक्षा तीसरी से आठवीं तक के छात्रों के खाते अब पूर्णतः जीरो बैलेंस वाले होंगे.
गांवों और स्कूलों में लगेगा शिविर
इसके लिए मुख्य डाकघर अधीक्षक को निर्देशित किया गया है कि वे ग्रामीण डाकघरों और शाखाओं के माध्यम से स्कूलों और गांवों में विशेष शिविर आयोजित करें. इन शिविरों में मौके पर ही बच्चों के आधार सीडेड बैंक खाते खोले जाएंगे, जिससे डीबीटी के माध्यम से राशि सीधे उनके खातों में डाली जाएगी.
राशन कार्ड में नाम होना जरूरी
वहीं दूसरी ओर छात्रवृत्ति प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने के लिए प्रशासन ने नियमों में कुछ बड़े बदलाव भी किए हैं. नए निर्देशों के अनुसार अब छात्रवृत्ति का लाभ लेने के लिए विद्यार्थी का नाम उनके परिवार के राशन कार्ड में जुड़ा होना अनिवार्य कर दिया गया है. कलेक्टर ने जिला खाद्य नियंत्रक को निर्देश दिए हैं कि वे आधार कार्ड और खाद्य विभाग के डाटा का मिलान करें और शत-प्रतिशत विद्यार्थियों का ई केवाईसी करें.
जिला प्रशासन ने सभी पैरेंट्स से अपील की है कि वे जल्द से जल्द अपने राशन कार्ड की जांच कर लें. यदि बच्चे का नाम उसमें दर्ज नहीं है, तो उसे तत्काल जुड़वाएं और ई-केवाईसी की प्रक्रिया पूरी करें, ताकि उनके बच्चे को शासन की योजना का लाभ मिल सके.
