Lok Sabha Election 2024: इंडी गठबंधन का हिस्सा कांग्रेस और समाजवादी पार्टी यूपी में एक साथ चुनाव लड़ रही हैं, जबकि तेजस्वी यादव की राजद और कांग्रेस पार्टी बिहार में चुनाव लड़ेगी. हालांकि, अब तक बिहार में किसी भी दल के बीच सीट शेयरिंग का फॉर्मूला तय नहीं हो सका है. इस बीच चर्चा है कि असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम बिहार में ‘इंडी गठबंधन’ की गणना को बिगाड़ सकती है.
रिपोर्ट के मुताबिक, AIMIM ने बिहार- उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र में कई सीटों पर उम्मीदवार उतारने का फैसला किया है. कहा जा रहा है कि पार्टी उत्तर प्रदेश में 20 सीटों और बिहार में लगभग 7 सीटों पर चुनाव लड़ने की योजना बना रही है. राजनीति के जानकारों का कहना है कि लोकसभा चुनाव में एआईएमआईएम के प्रवेश से मुस्लिम वोट कट सकते हैं. कहा ये भी जा रहा है कि लोकसभा सीटों के मामले में तीसरे सबसे बड़े राज्य महाराष्ट्र में एआईएमआईएम मुंबई और मराठवाड़ा क्षेत्र में अपने उम्मीदवार उतार सकती है.
ओवैसी ने क्या कहा?
बता दें कि हाल ही में ओवैसी ने कहा था कि उनकी पार्टी निश्चित रूप से हैदराबाद (तेलंगाना), औरंगाबाद (महाराष्ट्र) और बिहार की किशनगंज सीट पर लड़ेगी. उन्होंने इशारा किया था कि उनकी पार्टी बिहार की अधिक सीटों पर लड़ना चाहती है. यूपी में भी ऐसी ही मांगें हैं. उन्होंने आगे कहा था कि हम जल्द तय करेंगे कि कितनी सीटों पर चुनाव लड़ने जा रहे हैं.
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किशनगंज के अलावा इन सीटों पर ओवैसी की नजर
सूत्रों के मुताबिक, AIMIM किशनगंज के अलावा, कटिहार, पूर्णिया, अररिया, दरभंगा, मधुबनी और गया में चुनाव लड़ना चाहती है. इन इलाकों में मुस्लिम वोटरों की संख्या अच्छी खासी है. यहां ओवैसी की पार्टी भले ही अपने दम पर चुनाव न जीते लेकिन किसी भी पार्टी की गणित बिगाड़ सकती है. 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में ओवैसी की एआईएमआईएम ने सीमांचल क्षेत्र में पांच सीटें जीतीं. हालांकि, बाद में 5 में से 4 विधायकों ने पार्टी का साथ छोड़ दिया और राजद में शामिल हो गए.
क्या है नंबर गेम?
अब ओवैसी ने राजद पर पलटवार की ठानी है. इसलिए पार्टी ने बिहार में ज्यादा से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ने की योजना बनाई है. ओवैसी की पार्टी ने उन इलाकों में जहां मुस्लिम वोटरों की तादाद है वहां की लोकसभा सीटों पर तैयारी शुरू कर दी है. किशनगंज भारत में सर्वाधिक मुस्लिम बहुल लोकसभा सीटों में एक है. इसी तरह सीमांचल के इलाकों में मुस्लिमों की भरमार है. जनगणना के आंकड़े बताते हैं कि किशनगंज में 68 फीसदी, कटिहार में 43 फीसदी, अररिया में 42 फीसदी, पूर्णिया में 38 फीसदी, दरभंगा में 23 फीसदी, मधुबनी में 26 फीसदी और गया में 13 फीसदी मुसलमान हैं. इन्हीं मुस्लिम बहुल सीटों पर ओवैसी की नजर है.