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Bihar Politics: भतीजे चिराग को तरजीह मिलने से क्या नाराज हैं चाचा पारस? बिहार में सीट शेयरिंग पर कब बनेगी बात?

पशुपति पारस, चिराग पासवान

Bihar Politics: लोकसभा चुनाव में महज कुछ ही समय शेष है. लेकिन अभी तक बिहार में NDA गठबंधन के बीच सीट शेयरिंग का फॉर्मूला तय नहीं हो सका है. इस बीच लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान ने बुधवार को कहा कि उनकी पार्टी ने लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा के साथ सीट-बंटवारे के फॉर्मूले को अंतिम रूप दे दिया है. चिराग पासवान ने कहा कि सभी चिंताओं का समाधान कर लिया गया है. भाजपा अध्यक्ष जे.पी.नड्डा के साथ एक बैठक के बाद चिराग ने पीएम मोदी और सत्तारूढ़ दल के अन्य नेताओं की जमकर प्रशंसा की. सूत्रों ने बताया कि चिराग पासवान की पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) बिहार की 40 लोकसभा सीटों में से पांच पर चुनाव लड़ सकती है. वहीं बीजेपी ने पशुपति पारस को राज्यपाल का प्रस्ताव दिया है.

चिराग और उनके चाचा के बीच हाजीपुर सीट को लेकर विवाद है. हाजीपुर दिवंगत नेता रामविलास पासवान का गढ़ रहा है. एलजेपी के संस्थापक और दिग्गज दलित नेता ने लोकसभा में आठ बार हाजीपुर का प्रतिनिधित्व किया. हालांकि, फिलहाल इस सीट से चिराग के चाचा और केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस कर रहे हैं. चिराग पासवान, लंबे समय से जुड़ाव के कारण इस निर्वाचन क्षेत्र को अपने उचित हिस्से का हिस्सा मानते हैं. इस बीच चर्चा है कि पशुपति पारस की इंडी गठबंधन से बात चल रही है. पशुपति पारस इंडी गठबंधन के साथ जा सकते हैं. हालांकि, उनके बेटे प्रिंस राज ने कहा है कि वह NDA में ही रहेंगे.

सीट शेयरिंग के फॉर्मूले से पशुपति पारस के खेमे में मासूसी

बता दें कि एनडीए की ओर से बिहार में अब सीट शेयरिंग की आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है, लेकिन सीट बंटवारे का जो स्वरूप सामने आया है,उससे पशुपति पारस खेमे में मायूसी है। इस बीच यह खबर भी मिल रही है कि इंडिया गठबंधन के नेता लगातार पशुपति पारस से संपर्क में है. बताया गया है कि 13 मार्च को जैसे ही चिराग को एनडीए में तरजीह मिलने की बात सामने आई. पशुपति पारस ने देर रात तक अपने सांसदों के साथ बातचीत की. बताया जा रहा है कि वो केंद्रीय कैबिनेट से इस्तीफे के विकल्प पर भी विचार कर रहे हैं.

बताते चलें कि 2020 में राम विलास पासवान की मृत्यु के बाद एलजेपी दो गुटों में बंट गई थी. पशुपति पारस पार्टी के 4 सांसदों को अपने साथ ले आए. वहीं चिराग अपने गुट के एकलौते सांसद रह बचे. हालांकि, जमुई से सांसद चिराग अपनी पार्टी के मुख्य समर्थकों को अपने नेतृत्व के इर्द-गिर्द एकजुट करने में सफल रहे, जिससे भाजपा को यह बात स्पष्ट हो गई कि वह अपने पिता की विरासत के राजनीतिक उत्तराधिकारी हैं. इसलिए अब जब बात बिहार में सीट शेयरिंग की आई तो कहा जा रहा है कि बीजेपी ने चिराग को तरजीह दी है.

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समर्थकों के साथ उलझ गए थे पारस!

खबर ये भी है कि बीजेपी चीफ नड्डा के साथ चिराग पासवान के बातचीत के बाद पारस अपने समर्थकों के साथ उलझ गए थे. हालांकि, इस बात की पुष्टि नहीं हो पाई है. हालांकि भाजपा और बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की दूसरी सबसे बड़ी पार्टी जनता दल (यूनाइटेड) ने कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की है, लेकिन सूत्रों ने कहा कि वे क्रमशः 17 और 16 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ सकते हैं. दो अन्य छोटे सहयोगियों को एक-एक सीट दी जा सकती है.चिराग पासवान ने विश्वास जताया कि एनडीए बिहार से सभी 40 लोकसभा सीटें जीतने में सक्षम होगा. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ उनके मतभेदों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि एनडीए के सभी घटक आगामी लोकसभा चुनाव में 400 सीटों को पार करने के लक्ष्य को हासिल करने के लिए काम कर रहे हैं.

 

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