Bihar News: बिहार की पूर्णिया लोकसभा सीट से सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं. दरअसल, पप्पू यादव के खिलाफ एक कारोबारी द्वारा जबरन वसूली करने का आरोप लगाए जाने के बाद प्राथमिकी दर्ज की गई है. वहीं, पूर्णिया सांसद का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के अधीन इसकी निष्पक्ष जांच करवाई जाए, जो दोषी हो उसे फांसी दे दें.
क्या है पूरा मामला?
जानकारी के मुताबिक, एक स्थानीय फर्नीचर कारोबारी ने पुलिस को शिकायत में कहा है कि पप्पू यादव के इशारों पर 2 अप्रैल 2021 को 10 लाख रुपए रंगदारी मांगने और गाली गलौज की गई थी. इसके बाद 2023 में 15 लाख रुपए और 2 सोफा सेट मांगे गए थे. शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि लोकसभा चुनाव के दौरान पप्पू यादव के करीबी अमित यादव ने मोबाइल पर 10 से 15 बार कॉल करते हुए 25 लाख रुपए रंगदारी देने को कहा. वहीं, इसके बाद चार जून को दोबारा धमकी देते हुए रंगदारी मांगी गई. शिकायत में आरोप है कि फर्नीचर कारोबारी से पांच साल में और 1 करोड़ रुपए नहीं देने पर पूर्णिया छोड़कर जाने की धमकी और जान से मारने को कहा गया है.
ये भी पढ़ेंः शाह को गृह तो राजनाथ को रक्षा, जानें मोदी 3.0 में किसे मिला कौन सा मंत्रालय
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि शिकायत के आधार पर सांसद और उनके करीबी सहयोगी अमित यादव के खिलाफ मुफस्सिल थाने में भारतीय दंड संहिता की धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है और जांच जारी है.
निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में जीता चुनाव
कांग्रेस सांसद रंजीत रंजन के पति पप्पू यादव ने लोकसभा चुनाव से पहले अपनी जन अधिकार पार्टी का कांग्रेस में विलय कर दिया था, लेकिन राष्ट्रीय जनता दल के साथ ‘‘दोस्ताना मुकाबले’’ में उतरने में पार्टी की अनिच्छा के बाद उन्होंने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा और जीत का परचम फहराया. इस सीट से राजद उम्मीदवार बीमा भारती तीसरे स्थान पर रहीं और उनकी जमानत जब्त हो गई.
क्या बोले पप्पू यादव?
उधर, पप्पू यादव ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के अधीन इसकी निष्पक्ष जांच करवाई जाए, जो दोषी हो उसे फांसी दे दें. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, “देश प्रदेश की राजनीति में मेरे बढ़ते प्रभाव और आम लोगों के बढ़ते स्नेह से परेशान लोगों ने आज पूर्णिया में घृणित षड्यंत्र रचा है. एक अधिकारी और विरोधियों के इस साजिश को पूर्ण रूप से बेनकाब करेंगे. सुप्रीम कोर्ट के अधीन इसकी निष्पक्ष जांच करवाई जाय, जो दोषी हो उसे फांसी दे दें.”