Chhattisgarh News: बिलासपुर में किसान से भवन अनुज्ञा प्रमाण पत्र जारी करने के नाम पर सहायक राजस्व निरीक्षक को एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने घूस लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया है. आरोपी के कब्जे से रकम बरामद की गई है. एसीबी की टीम ने कोर्ट के आदेश पर आरोपी को जेल भेज दिया है. दरअसल, कोटा के बेलगहना निवासी रविशंकर गुप्ता किसान हैं. उनकी आवासीय जमीन नगर पंचायत, गौरेला के अन्तर्गत स्थित है. उस जमीन वह मकान बनाना चाहते थे.
8 हजार रुपए की मांगी रिश्वत
मकान बनाने के लिए उन्हें नगर पंचायत गौरेला से भवन अनुज्ञा की आवश्यकता थी. इसके बाद रविशंकर ने सहायक राजस्व निरीक्षक अरविन्द गुप्ता से सम्पर्क किया. पहले तो काम करने के नाम पर घुमाया और फिर रविशंकर ने भवन अनुज्ञा जारी करने के एवज में 8000 रुपए रिश्वत की मांग की. पीड़ित रविशंकर रिश्वत देना नहीं चाहते थे, लेकिन बिना रिश्वत लिए राजस्व निरीक्षक काम नहीं कर रहा था. इसके बाद पीड़ित ने योजना बनाई और एसीबी की टीम को सूचना दी. एसीबी के अधिकारियों ने शिकायत का सत्यापन कराया. मंगलवार को आरोपी सहायक राजस्व निरीक्षक अरविंद ने पीड़ित को पैसा लेकर व्यापार विहार बिलासपुर बुलाया. इस बीच एसीबी की टीम और पीड़ित योजना बनाकर मौके पर पहुंचे. इसके बाद पीड़ित रवि शंकर ने उसे पैसे देकर वापस लौट गया. फिर कुछ समय बाद एसीबी की टीम ने घेराबंदी कर तत्काल सहायक राजस्व निरीक्षक आरोपी अरविंद गुप्ता को गिरफ्तार कर लिया. आरोपी के खिलाफ धारा 7 पीसी एक्ट 1988 के प्रावधानों के तहत कार्रवाई की गई.
15 दिन के भीतर तीसरी कार्यवाई
बता दें कि, राज्य में एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम लगातार भ्रष्टाचार के खिलाफ सक्रिय हो गई है. खास तौर पर राजस्व विभाग के अधिकारी कर्मचारियों पर उनकी अपनी निगाह है. यही कारण है कि कुछ दिन पहले बिलासपुर के एक राजस्व निरीक्षक को गिरफ्तार किया गया है. राजस्व निरीक्षक संतोष देवांगन ने जूना बिलासपुर में जमीन के सीमांकन को लेकर 2 लाख की मांग की थी इसके बाद बिलासपुर तहसील में एक लाख रुपए की रिश्वत देते एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने संतोष देवांगन को गिरफ्तार किया. बाद में कलेक्टर ने आरोपी संतोष देवांगन को निलंबित भी कर दिया है. बता दें कि इस तरह की कार्रवाई कई जगहों पर भी हुई है. बिलासपुर और जिले के अलावा सरगुजा में भी एक कर्मचारी के खिलाफ एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने कार्रवाई की है. वहां भी जमीन का अवैध व्यापार और धड़ले से गलत गतिविधियां जारी है. यही कारण है कि एंटी करप्शन ब्यूरो हर जिले में भ्रष्टाचारियों के खिलाफ निगाह बनाकर रखे हुए हैं.