Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ विधानसभा बजट सत्र का आज 8 वां दिन है. आज सदन में राजीव युवा मितान क्लब पर लंबी बहस हुई है. इसके साथ बीजेपी विधायकों ने सरकार से योजना को बंद करने की मांग की, जिसके बाद खेल मंत्री टंकराम वर्मा ने जांच कराने की बात कही. ये योजना पूर्व की कांग्रेस सरकार की बड़ी योजना है. पिछली सरकार ने योजना के लिए 132 करोड़ रुपए का प्रावधान किया था और भाजपा विधायक धर्मजीत सिंह ने इसमें गड़बड़ी का आरोप लगाया है और अब बंद करने की मांग की गई है.
राजीव युवा मितान क्लब को बंद करने की मांग
दरअसल विधानसभा के प्रश्न काल में आज भाजपा विधायक धर्मजीत से ने ‘राजीव युवा मितान क्लब खाओ पीओ योजना’ बताया. उनके इस आरोप का समर्थन करते हुए विधायक धरमलाल कौशिक, अजय चंद्राकर, राजेश मूणत ने खर्च पर सवाल उठाया. सदन में कहा गया कि कांग्रेस सरकार में इस योजना में पैसे का दुरुपयोग किया गया, तो पक्ष-विपक्ष में जमकर बहस हुई.
भाजपा सरकार योजना का कराएगी ऑडिट
राजेश मुणत ने खेल मंत्री टंकराम वर्मा से पूछा कि इस योजना के स्थापना का उद्देश्य क्या था? वहीं धरमलाल कौशिक ने राजीय युवा मितान क्लब में ऑडिट कराने की मांग की. इसके बाद भाजपा विधायकों ने योजना बंद करने के लिए सदन में नारेबाजी भी की. फिर मंत्री टंकराम वर्मा ने कहा कि क्लब के दिए गए पैसे का ऑडिट कराया जाएगा.
योजना के लिए था एक 132 करोड़ का प्रावधान
सदन में टंकराम वर्मा ने बताया कि इस मामले में जल्द से जल्द जांच करायी जाएगी. कुल 132 करोड़ की राशि का प्रावधान किया गया था. जिसमें से क्लब को दी गई 126 करोड़ रुपए की जांच कराई जाएगी.
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राहुल गांधी ने किया था योजना की शुरुवात
गौरतलब है कि कांग्रेस सरकार ने 3 फरवरी 2022 को राहुल गांधी ने राजीव गांधी युवा मितान क्लब को लागू किया था. इस योजना में सरकार ने 13 हजार 269 राजीव युवा मितान क्लब बनाने का लक्ष्य रखा गया. सरकार ने योजना के तहत एक क्लब को एक साल में 1 लाख रुपए दिया जा रहा था. इस रकम के हर तीन महीने में 25 हजार रुपए के किश्त में जारी किया जाता था. वहीं इस क्लब में 15 से 40 साल उम्र के 20 से 40 युवा का रखने का प्रावधान था.