Chhattisgarh: गांव में सड़क नहीं इसलिए लोग नहीं करना चाहते बेटियों की शादी! 10 KM चलना मजबूरी या लाचारी?
Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ के सरगुजा संभाग में ऐसे कई गांव हैं जहां तक जाने के लिए सड़क नहीं है और यहां के लोगों के पास मूलभूत सुविधाएं नहीं हैं और इन्ही में एक गांव हैं सरगुजा जिले के लखनपुर जनपद क्षेत्र का घटोन गांव और इससे आगे त्रिडा नामक बस्ती, जो रायगढ़ जिले में है. लेकिन इन गावों तक जाने के लिए सड़क नहीं होने की वजह से लोग अपनी बेटियां इन गावों के लड़को के साथ ब्याह नहीं करना चाहते. इसके कारण यहां कई लड़के कुआरे हैं.
गर्भवती महिला को अस्पताल भेजने के लिए कांवर में ढोना पड़ता है
दरअसल विस्तार न्यूज़ की टीम घटोन गांव जंगल के बीच से ज़ब पगडंडी रास्ते से होते हुए इस गांव तक पहुंची तो यहां के लोगों ने बताया कि बस्ती तक आने के लिए सड़क नहीं होने के कारण जब कोई महिला गर्भवती होती है और उसे अस्पताल ले जाना होता है, तो उसे वे 6 किलोमीटर कांवर में ढोकर एम्बुलेंस तक पहुंचा पाते हैं. इसे देखकर दूसरे गांव के लोग अपनी बेटियां हमारे गांव में नहीं ब्याह करना चाहते हैं. पहले के लोग इतना समझदार नहीं थे तो वे यहां के लड़को से शादी कर देते थे लेकिन अब नहीं कर रहे हैं.
गांव में सड़क नहीं इस लिए नहीं होती लड़को की शादी
त्रिडा चांप कछार गांव घटोन से भी 6 किलोमीटर आगे है और इस गांव तक पहुंचने के लिए स्थानीय लोगों ने पहाड़ को काटकर रास्ता बनाया है. लेकिन बड़ी मुश्किल से वहां बाईक पहुंच पाती है. इससे यहां के सात लड़कों की शादी नहीं हो सकी है. चांपकछार निवासी गया यादव ने बताया कि राम आधार, राम शरण, त्रिभुवन, राम नारायण, हंशु, कृष्णा, नुकेश सहित और भी लड़के हैं जिनकी शादी नहीं हुईं है. वही घटोन और चांप कछार मिलाकर 100 के करीब मकान हैं.
गांव का नाम सुनते ही लड़की वाले कह देते हैं शादी नहीं करेंगे
विमला यादव कहती हैं कि गांव का नाम सुनते ही लड़की वाले कह देते हैं कि वहां शादी नहीं करेंगे क्योंकि सड़क, बिजली और पानी की यहां समस्या है. मेरे बेटे का किसी तरह शादी कर पाई, लेकिन जब वह गर्भवती हुई तो उसे उसके मायके भेजना पड़ा ताकि वहां से वह अस्पताल समय पर पहुंच सके.
इन इलाकों में सड़कें आज तक नहीं बनी
गौरतलब है कि सरगुजा जिले के मैनपाट, सूरजपुर जिले के ओड़गी, बिहारपुर, बलरामपुर जिले के शंकरगढ़ और कुसमी इलाके में इस तरह के पहुंचविहीन करीब 20 से अधिक गांव हैं जहां सड़क नहीं है. इन गावों तक एम्बुलेंस नहीं पहुंच पाता, इसलिए सूरजपुर जिले में बाइक एम्बुलेंस की व्यवस्था की गई थी लेकिन वह भी सफल नहीं हुई.