CG News: बिलासपुर जिले में डायरिया और मलेरिया बे लगाम होता जा रहा है. डायरिया के जहां 400 से अधिक केस हैं, वही मलेरिया के 34 केस सक्रिय है. बिलासपुर में पिछले 1 महीने से डायरिया चरम सीमा पर है. जिससे पांच लोगों की मौत हो चुकी है. जिले में रतनपुर के कुछ वार्डो से मलेरिया की शुरुआत हुई थी, लेकिन देखते ही देखते मस्तूरी बिल्हा तखतपुर और कोटा क्षेत्र में भी यह फैलने लगा.
जिले में मलेरिया और डायरिया का प्रकोप जारी
जिले में इसके 600 से अधिक मरीज मिल चुके हैं. जिनमें कुछ ठीक हो चुके हैं, और अभी भी 400 के करीब मरीज सक्रिय है. बुधवार को जिले के स्वास्थ्य विभाग में 16 नए डायरिया मरीजों की पुष्टि की है इसके अलावा हर दिन 10 से 15 मरीज मिल रहे हैं और इसके कारण सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मे मरीजों की जनसंख्या बढ़ रही हैं. मलेरिया और डायरिया को लेकर रतनपुर और मस्तूरी हॉटस्पॉट बन चुका है. यही कारण है कि बिलासपुर जिले में गंदगी को लेकर कलेक्टर ने सफाई के निर्देश दिए हैं. एसडीएम जन चौपाल लगा रहे हैं, और तमाम प्रशासनिक अमला और स्वास्थ्य विभाग सब मिलकर जमीन पर डायरिया और मलेरिया से अघोषित रूप से लड़ रहे हैं. कलेक्टर अवनीश शरण ने जागरूकता अभियान के चलते बच्चों को जागरूक किया. साथ ही उस क्षेत्र के जनप्रतिनिधि भी ग्रामीणों को गंदा पानी नहीं पीने और खान-पान में गंभीर रहने की सलाह दे रहे हैं.
कोटा में भी मलेरिया का कहर
कोटा क्षेत्र के कुछ गांव में मलेरिया 15 जुलाई के बाद फैलने लगा था. शुरुआत में तो मरीज कम रहे लेकिन फिलहाल स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के मुताबिक इसके 34 मरिज सक्रिय हैं. इससे चार बच्चों की मौत हो चुकी है . बाकी ग्रामीणों को जागरूक किया जा रहा है ताकि मलेरिया की चपेट में आकर उनका जीवन खतरे में नहीं पड़े.