CG News: बिलासपुर के जांजगीर-चाम्पा के बम्हनीडीह क्षेत्र के लखुर्री गांव के ऐतिहासिक पचरिहा तालाब के गहरीकरण कार्य के दौरान प्राचीन मूर्ति मिली है, जिसे ग्रामीणों ने पूजा के बाद गांव के महाकालेश्वरी मन्दिर में सुरक्षित रखा है. ग्रामीणों ने अफसरों को प्राचीन मूर्ति मिलने की जानकारी दी है, लेकिन अफसर नहीं पहुंचे हैं. सबसे खास बात है कि मनरेगा के तहत गहरीकरण कार्य के दौरान पचरिहा तालाब में मूर्तियां लगातार मिल रही है, फिर भी अफसर गम्भीर नहीं हैं.
क्षेत्र के लोग चाहते हैं कि इन मूर्तियों को पुरातत्व विभाग अपने संग्रहालय में स्थापित करें और इनकी जांच करें कि आखिर यह कितने साल पुरानी है. दूसरी तरफ लोग यह भी चर्चा कर रहे हैं की जांजगीर क्षेत्र में इतिहास कल के दौरान कई तरह की जिंदगी गुजर बसर कर रही थी जिनका एक प्रमाण इन प्राचीन पत्थर की मूर्तियों का मिलना है.
आपको बता दें कि लखुर्री गांव की ऐतिहासिक और प्राचीन पहचान है, जहां पहले भी ऐतिहासिक और प्राचीन मूर्ति या दूसरी चीजें मिलती रही हैं. लखुर्री गांव का पुरातात्विक पहचान भी है. बावजूद, अभी मूर्ति मिलने के बाद अफसरों का गांव नहीं पहुंचना अफसरों को बेपरवाही को दर्शाता है.
बिलासपुर संभाग के सारंगढ़ जिले में भी एक दिन पहले कुछ ऐसी प्राचीन मूर्तियां मिली है जो लोगों के बीच कौतूहल का विषय है. लोगों ने उसे प्राचीन मूर्ति को पूजा पाठ के बाद पुरातत्व विभाग को सौंप दिया है. पुरातत्व के वैज्ञानिक उसकी जांच करेंगे इसके बाद ही स्पष्ट हो पाएगा कि वह कितने साल पुरानी मूर्ति है.
जांजगीर में यह चर्चा हुई आम
जांजगीर क्षेत्र में मिले इस मूर्ति को लेकर भी लोगों के बीच कई तरह की चर्चा आम हो गई है. कुछ लोग इसे पुराने जमाने की धरोहर के तौर पर देख रहे हैं तो कुछ इसे सहेजकर रखने की बात कर रहे हैं. छत्तीसगढ़ का इतिहास पुरातत्व के मामले में काफी वैभवशाली रहा है, यह सब निकलने वाली मूर्तियां भी इस वैभवशाली इतिहास का प्रमाण है.