लोकमाता अहिल्या बाई होल्कर की पुस्तक का विमोचन, सब जानेंगे राष्ट्र निर्माण में मातृशक्ति का योगदान

CG News: छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले में लोकमाता अहिल्या बाई होल्कर पर केंद्रित पुस्तक का विमोचन हुआ. इस मौके पर प्रांत संघसंचालक ने लोकमाता अहिल्या बाई और इस पुस्तक के प्रस्तावना के बारे में जानकारी दी.
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पुस्तक का विमोचन

CG News: देश भर में लोकमाता अहिल्या बाई होल्कर की 300वीं जयंती के मौके पर लगातार अलग-अलग आयोजन हो रहे हैं. इस कड़ी में छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले में लोकमाता अहिल्या बाई होल्कर पर केंद्रित पुस्तक का विमोचन किया गया. इस मौके पर प्रांत संघचालक टोपलाल वर्मा ने पुस्तक का प्रस्तावना पेश किया. साथ ही राष्ट्र निर्माण में लोकमाता देवी अहिल्या बाई होल्कर के महत्वपूर्ण निर्माण के बारे में बताया.

लोकमाता अहिल्या बाई होल्कर की पुस्तक का विमोचन

लोकमाता अहिल्या बाई होल्कर की 300वीं जयंती के निमित्त देश भर में आयोजन हो रहे हैं. इसी क्रम में राजनांदगांव में लोकमाता अहिल्या बाई होल्कर पर केंद्रित पुस्तक का विमोचन किया गया. इस अवसर पर पुण्य श्लोका अहिल्या वाई होलकर जन्म जयंती समिति छत्तीसगढ़ के अध्यक्ष नरेंद्र प्रसाद दीक्षित, क्षेत्र संघचालक डॉ.  पूर्णेन्दु सक्सेना, प्रांत संघचालक टोपलाल वर्मा, प्रांत कार्यवाह चंद्रशेखर देवांगन एवं पुस्तक संकलनकर्ता डॉ. वर्णिका शर्मा समेत बड़ी संख्या में गणमान्य जन उपस्थित रहे.

पुस्तक प्रस्तावना

इस अवसर पर प्रांत संघचालक टोपलाल वर्मा ने प्रस्तावना प्रस्तुत करते हुए कहा- ‘लोकमाता अहिल्या बाई होल्कर राष्ट्र निर्माण में मातृशक्ति के योगदान की सबसे आदर्श व जीवंत प्रतिमान हैं. उन्होंने लोक प्रशासन, जन कल्याण से लेकर समाज सेवा के क्षेत्र में ऐसे उदाहरण प्रस्तुत किया जो आने वाली पीढ़ियों को भी प्रेरित करता रहेगा.’

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उन्होंने आगे कहा- ‘लोकमाता अहिल्या बाई ने सोमनाथ, विश्वनाथ, महाकालेश्वर, ओंकारेश्वर समेत अनेक मंदिरों का पुननिर्माण करवाया. वह लोककल्याणकारी राज्य की सबसे बड़ी नेतृत्वकर्ता थीं, आज दुनिया भर की शासन प्रणाली उनसे सीख सकती है. उन्होंने जिस प्रकार धार्मिक स्थलों का निर्माण करवाया, वह भ्रष्टाचार के विरुद्ध जितनी कठोर थीं जन हित को लेकर उतनी ही संवेदनशील रहीं.  आज आवश्यकता राष्ट्रीय चरित्र के निर्माण की है, इसके लिए हमें लोकमाता अहिल्या बाई होल्कर से प्रेरणा लेकर समाज के विविध क्षेत्रों में कार्य करना होगा.’

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