CG News: राज्य सरकार के द्वारा विकास कार्यों के लिए लाखों करोड़ों रुपए खर्च करने की बात कही जाती है. लेकिन शासन की इन दावों का पोल सक्ती जिला मुख्यालय में खुलती नजर आ रही है. जहां सक्ती नगर पालिका के वार्ड नंबर 3 के अंतर्गत आने वाले ठाकुरमुड़ा मोहल्ले के लोगों को आजादी के इतने साल बीत जाने के बाद भी सड़क की सुविधा नसीब नहीं है. इन गांवों के लोगों के हालात ऐसे है जहां आज हम चांद सूरज तक पहुंच गए है, लेकिन यहां के लोगों को साइकिल तक नसीब नहीं है. इसकी वजह कुछ और नही बल्कि सड़क है. यहां के लोगों को आने जाने के लिए खेत के मेड़ का सहारा है जिसके चलते इन्हें बारिश के दिनों में खेत मे मेड़ में साइकिल चलाना तो दूर पैदल चलने में परेशानियों का सामना करना पड़ता है. परेशानी का आलम ऐसा है इस गांव में यदि किसी का तबियत खराब हो जाये तो उसे चारपाई में उठाकर 2 किलोमीटर चलना पड़ता है उसके बाद इन्हें वाहन की सुविधा मिल पाती है. इतना ही नही गांव में कोई महिला गर्भवती हो जाये तो उसे उसके मायके भेज दिया जाता है ताकि उनकी समय पर बेहतर इलाज हो सके और इन सबकी समस्याओं का मूल कारण सड़क है.
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ये कहते हैं ग्रामीण
गांव के लोगों ने बताया की राशन सामग्री लेने के लिए भी परेशानी उठानी पड़ती है. गांव में कई ऐसे बच्चे है जिन्होंने पढ़ाई लिखाई छोड़ दिये है क्योंकि बरसात के दिनों में खेत के मेड़ में चलने के कारण फिसल कर गिर जाते है, जिसके चलते स्कूल ड्रेस खराब हो जाता है. ऐसा भी नही है की गांव के लोगों की इस समस्या की जानकारी नगर पालिका सक्ती के जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों के साथ जिला प्रशासन के आला अधिकारियों को नहीं है.
ये है स्थिति
नेताओं और अधिकारियों की निष्क्रियता ने ठाकरमुड़ा मोहल्ला में रहने वाले 40 परिवारों का जीवन को नर्क बना दिया है. जहां आज एक महिला की तबियत बिगड़ने पर इसे खाट पर हॉस्पिटल ले जाया गया जहां हॉस्पिटल देरी से पहुंचे के कारण उनकी जान नही बचाई जा सकी फिर उनकी शव को भी खाट पर ही पहले गांव लाया गया फिर उसे खाट पर ही शमशान घाट ले जाया गया. घटना के बाद विस्तार न्यूज की टीम गांव पहुंची और लोगों से बात की.