CG News: न्यायधानी यानी बिलासपुर में इंसाफ से जुड़ा बड़ा मामला सामने आया है. दशम अपर सत्र के जज ने एक हत्या के आरोपी को मौत की सजा सुनाई है. मस्तुनि थाना क्षेत्र के उमेंद्र केवट ने 5 महीना पहले अपनी पत्नी और तीन बच्चों की बेरहमी से हत्या कर दी थी. इसके बाद उसने खुद को भी करने का प्रयास किया था लेकिन वह असफल रहा. मस्तूरी पुलिस ने मामले में धारा 302 के तहत जुर्म दर्ज कर पूरी घटना का चालान कोर्ट में पेश किया, जिसके बाद शासन की तरफ से अधिवक्ता अभिजीत तिवारी ने पूरे प्रकरण की पैरवी की.
जज अविनाश कुमार ने इस पूरे मामले की गंभीरता को देखते हुए आरोपी उमेंद्र केवट को फांसी की सजा दी है. जिस तरह से यह जघन्य घटना हुई है इस फैसले के बाद यह बिलासपुर के अलावा पूरे छत्तीसगढ़ में एक नजीर पेश करने जैसा निर्णय है. इसलिए इस बात की चर्चा पूरे राज्य में हो रही है.
वकील ने बताया कैसे की गई जिरह
अधिवक्ता अभिजीत कुमार तिवारी ने बताया कि 5 महीना पहले यानी जनवरी की यह घटना थी, जिसमें उमेंद्र केवट ने अपने नवजात और बड़े बच्चों की तैश में आकर हत्या कर दी थी. उन्होंने न सिर्फ अपनी पत्नी को मारा बल्कि अपने बच्चों को भी मौत के घाट उतार दिया जो समाज में एक गलत संदेश देता है. यही वजह है कि इस पूरे मामले में कोर्ट ने संजीदगी बरतते हुए सजा मौत की सजा सुनाई है.
यह भी पढ़ें: सिंगर Sapna Choudhary के खिलाफ धोखाधड़ी का केस, गैर जमानती वारंट जारी
बिलासपुर के इतिहास में ऐसा तीसरी बार
बिलासपुर की एक पहचान न्याय धानी के तौर पर है. वकील बताते हैं कि बिलासपुर के इतिहास में फांसी की सजा तीसरी बार किसी आरोपी को हुई है.उनके मुताबिक जिस तरह से घटना गंभीर और बड़ी थी. उसी के हिसाब से भी फैसला भी सुनाया गया कुल मिलाकर चारों तरफ इस बात की चर्चा फैल चुकी है और लोग इस जजमेंट की तारीफ भी कर रहे हैं.