CG News: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में बिलासा बाई केवट एयरपोर्ट में गुरुवार को बिलासपुर कोलकाता फ्लाइट में बम होने की अफवाह में हवाई अड्डे की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिया है. विमान से बिलासपुर से दिल्ली बिलासपुर से कोलकाता बिलासपुर से जबलपुर और बिलासपुर से जगदलपुर का सफर करने वाली यात्री अब डरने लगे हैं. तमाम हलचल के बीच विस्तार न्यूज़ ने बिलासपुर के एयरपोर्ट का जायजा लिया. पड़ताल के दौरान विस्तार न्यूज़ के रिपोर्टर ने बिलासपुर से दिल्ली में संचालित होने वाली एयरपोर्ट पर बैठकर हवाई सेवा की हर वह बातों का जायजा लिया जो यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा के लिए जरूरी है. यात्रियों के मन में सबसे बड़ी बात यह है कि दिल्ली कोलकाता जबलपुर या दूसरे बड़े महानगर से जब भी बिलासपुर आते हैं, तो उनका समान एयरपोर्ट से अराइवल हाल तक माल धक्के की तरह लाया जाता है. इसके लिए चार लोगों की ड्यूटी लगाई जाती है जो फ्लाइट से सामान को धक्का गाड़ी में खींच कर लाते हैं और उन्हें इसे उपलब्ध कराते हैं. बिलासपुर में हवाई सेवा शुरू हुए 5 साल हो गए लेकिन आज तक अराइवल हॉल या और समान व्यवस्थित रखने के लिए हवाई अड्डे में कन्वेयर बेल्ट नहीं बन पाया है. यह बात यात्रियों को खूब खल रही है. साल 2019 में यानी 5 साल पहले जब यह एयरपोर्ट की नींव रखी गई तब यह दावे किए गए कि यहां बिलासपुर से हवाई सेवा और हवाई अड्डा उन बड़े महानगरों की तर्ज पर शुरू होगी जिसकी सुविधाओं की उम्मीद हर व्यक्ति करता है लेकिन इसके उलट यहां की व्यवस्थाएं अभी तक नहीं बन पाई है. बिलासपुर से दिल्ली, कोलकाता या जबलपुर से जब भी फ्लाइट में बैठकर यात्री बिलासपुर पहुंचते हैं, तो उनका सामान किसी माल धक्के की तरह ढुलाई कर लाया जाता है. एयरपोर्ट पर यात्रियों की शिकायत के बाद बिस्तर न्यूज़ ने बिलासपुर से दिल्ली का सफर प्लेन से किया और यात्रियों की समस्या बहुत बारीकी से जानने और महसूस करने का प्रयास किया गया. देखा कि एक छोटी सी गाड़ी में चार लोग प्लेन से सामान उतारते हैं जिसे लेकर वह एयरपोर्ट की दहलीज पर लाकर रख देते हैं और यात्री अपने सामान को पहचान कर उठा लेता है. यात्रियों को लगता है कि वह किसी ऐसी जगह पर खड़े हैं, जहां सुविधाओं का बुरी तरह से अभाव है. कहते हैं इस तरह की यात्रा करना उनकी मजबूरी है क्योंकि कभी-कभार तो उनका सामान दिल्ली, कोलकाता और जबलपुर जैसे जगह पर दो से तीन दिन तक पड़े रहता है क्योंकि ओवरलोड के कारण कभी भी एयरपोर्ट के अधिकारी सामान को लाने से इनकार कर देते हैं और इसके कारण रोज उनका झगड़ा और विवाद एयरपोर्ट के कर्मचारियों से होता है.
आज तक नहीं बना अराइवल हॉल
बिलासपुर एयरपोर्ट में आज भी 5 साल बाद अराइवल हॉल नहीं बन पाया है। यही कारण है कि जब भी यात्री बड़े नगरों से बिलासपुर आ रहे हैं तो उन्हें सीधे एयरपोर्ट के बाहर उतरना पड़ रहा है और कन्वेयर बेल्ट नहीं बनने से उनका सामान सीधे एयरपोर्ट के बाहर आता है जिसे लेकर वह घर जा रहे हैं। कन्वेयर बेल्ट वह सुविधा है जो रायपुर दिल्ली मुंबई या अन्य बड़े शहरों के एयरपोर्ट में यात्रियों के लगेज यानि समान को व्यवस्थित करने और उसे यात्री तक पहुंचने में मदद करता है यह सुविधा फिलहाल बिलासपुर में नहीं है.
यात्री भूखे प्यासे कर रहे सफर
यदि आप बिलासपुर से दिल्ली कोलकाता जबलपुर और जगदलपुर का सफर करना चाह रहे हैं तो खाना और पीना दोनों साथ रखें क्योंकि एलायंस एयर कंपनी की फ्लाइट में यह सुविधा मौजूद नहीं है. बिलासपुर से दिल्ली पहुंचने में 3:30 घंटे का समय लगता है लेकिन विमान में खाने की मांग पर कुछ भी उपलब्ध नहीं होता. कुल मिलाकर लोग भूखे प्यासे सफर करते हैं ऐसे में जब बिलासपुर से दिल्ली तक जाने वाली फ्लाइट प्रयागराज में आधे घंटे रूकती है और उसके बाद आगे बढ़ती है. चलती फ्लाइट में जब लोग एयर होस्टेस या दूसरे कर्मचारियों से खाने पीने की समान की पूछ पारक करते हैं तब उन्हें निराशा ही हाथ लगती है क्योंकि खाने पीने की व्यवस्था फिलहाल यहां मौजूद नहीं है. लोग इस पर भी सवाल इसलिए खड़ी करते हैं क्योंकि दूसरी फ्लाइट यानी इंडिगो या अन्य कंपनियों की फ्लाइट में यह सुविधा मौजूद है तो आखिर बिलासपुर से उड़ने वाली यहां की प्लेन में यह सुविधा उपलब्ध क्यों नहीं है?
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72 सीटर विमान में नहीं मिल रहे यात्री
बिलासपुर से कोलकाता और बिलासपुर से जबलपुर की विमान सेवा शुरू हो गई है लेकिन 4 से 5 महीना बावजूद 72 सीटर इस विमान में हर दिन 20 से 30 यात्री ही सफर कर रहे हैं. इससे उसे विमान कंपनी को घाटा सहना पड़ रहा है, जिसे यहां टेंडर उठाया है लेकिन इन विमान को चलना इसलिए उनकी मजबूरी है क्योंकि यह सेवा शर्तों का हिस्सा है. बिलासपुर एयरपोर्ट में नाइट लैंडिंग या अन्य सुविधाएं भी फिलहाल शुरू नहीं हो पाई है. बिलासपुर से हैदराबाद हवाई सेवा शुरू होने को लेकर भी विंटर सीजन यानी ठंड में दावे किए गए थे, जो फिलहाल ठंडी फाइलों में दबा हुआ है.
घास-फूस छीलने और मेंटेनेंस में ज्यादा खर्च
बिलासपुर एयरपोर्ट पर यात्री सुविधाओं को बढ़ाने के बजाय विभागीय अधिकारी 300 एकड़ में फैले घास फूस को छीलने और टाइल्स मरम्मत करने पर पैसे ज्यादा खर्च कर रहे हैं. हर साल विभाग इसके नाम पर तीन से चार करोड रुपए का बजट मांग रहा है और लोक निर्माण विभाग के अधिकारी यह पैसे मेंटेनेंस के नाम पर फूंक रहे हैं लेकिन यात्री सुविधाओं को बढ़ाने की तरफ कोई ध्यान नहीं दे रहा है जबकि बिलासपुर के लोग लगातार मांग कर रहे हैं कि उन्हें भी बड़े शहरों की तर्ज पर एयरपोर्ट चाहिए ना की जुगाड़ के दम पर चलने वाला हवाई अड्डा. कुल मिलाकर स्थितियां ठीक नहीं है और सिर्फ काम चलाओ तौर पर बिलासपुर से बड़े शहरों की उड़ान जारी है.
बिलासपुर एयरपोर्ट में सुविधाओं के मामले में एयरपोर्ट डायरेक्टर MV सिंह का कहना है. एयरपोर्ट का विस्तार धीरे-धीरे हो रहा है. उनके मुताबिक अराइवल हाल और दूसरी सुविधाएं भी जल्द तैयार हो जाएंगे. उनका पहला फोकस उड़ान की सेवा को सशस्त्र शुरू करना था जिस क्षेत्र में काम चल रहा है इसके अलावा नाइट लैंडिंग और बाकी सुविधाओं को लेकर भी बड़े अधिकारियों को पत्राचार किया गया है. जल्द ही यह सुविधा भी बिलासपुर वालों को मिलने लगेगी.
एलाइंस एयर कंपनी बिलासपुर से चला रही फ्लाइट
बिलासपुर एयरपोर्ट पर बिलासपुर से प्रयागराज होकर दिल्ली की उड़ान तय हो रही है. बिलासपुर से कोलकाता बिलासपुर से जबलपुर बिलासपुर से जगदलपुर विमान सेवा शुरू है। किराए की सूची बताती है कि बिलासपुर से दिल्ली तक समय से पहले टिकट बुक करवाने पर 5000 और 1 दिन पहले टिकट बुक करने पर ₹26000 तक लग रहे हैं कुल मिलाकर किराया पूरा लिया जा रहा है लेकिन सुविधाओं के नाम पर यात्रियों को अभी कई व्यवस्था नहीं मिल पा रही है यही वजह है कि लोग इसकी लगातार मांग कर रहे हैं.