Chhattisgarh News: बिलासपुर में नौकरी की मांग को लेकर 10 परिवार शुक्रवार की सुबह से SECL के बाहर धरने पर बैठ गए. कोरबा के सरायपाली परियोजना में बूढ़बूढ़ से आए लोगों का आरोप है, कि प्रबंधन में उनसे खुली खदान के लिए जमीन ली है, लेकिन अभी तक उन्हें नौकरी नहीं मिली है, जबकि साल 2007 में उन्हें नौकरी का हवाला दिया गया था, और इसी शर्त पर उनसे उनकी जमीन ली गई थी. वे जब भी प्रबंधन के पास नौकरी की मांग को लेकर जाते हैं प्रबंधन उन्हें नियम बदलने की बात कह कर चला कर देता है इसके कारण ही उनके घर परिवार का गुजारा चलना मुश्किल हो रहा है. आंदोलनकारी बताते हैं कि उन्हें बाकायदा प्रशासन और प्रबंधन दोनों ने नौकरी के प्रमाण पत्र पर दस्तखत करके दिया है लेकिन आज तक उन्हें उनका अधिकार नहीं मिल पाया है। कुल मिलाकर उनकी समस्याएं बरकरार है.
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SECL कई फर्जी भर्ती पर भी ध्यान नहीं दे रहा
SECL में कई तरह की फर्जी हो चुकी है. कई खदानों में सालों से लोग गलत तरह से प्रमाण पत्र जमा कर नौकरी कर रहे हैं लेकिन उनकी तरफ भी प्रबंध ध्यान नहीं दे रहा है, और यही कारण है कि लगातार इसकी शिकायतें चिरमिरी, कोरबा, जमुना पाली और अलग-अलग क्षेत्र में हो रही है. 50 से अधिक भर्ती को लेकर पूर्व में भी जांच कमेटी बैठी थी लेकिन उसे जांच कमेटी की रिपोर्ट में क्या आया है अभी तक यह क्लियर नहीं हो पाया है. साथ अक्ल की विजिलेंस को भी इस मामले को सौंपा गया था, लेकिन उन्होंने भी फिलहाल इसमें ध्यान नहीं दिया है और यही कारण है, कि फर्जी भर्ती मामले में सुनवाई अभी बाकी है.