Chhattisgarh: बलरामपुर में 143 एकड़ सरकारी जमीन को फर्जी दस्तावेज लगाकर अफसरों व ठेकेदारों को बेचा, कलेक्टर की जांच में हुआ खुलासा

Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के बलरामपुर रामानुजगंज जिले में सरकारी जमीन का बड़ा घोटाला सामने आया है. यहां जमीन माफिया ने भनोरा गांव स्थित 143.23 एकड़ गोचर मद की जमीन को फर्जी दस्तावेजों के सहारे बेच दिया गया. जिसकी कीमत बाजार में 331 करोड़ रुपए है. इसका खुलासा अब हो रहा है, जब एक शिकायत के बाद बलरामपुर कलेक्टर ने सरगुजा कमिश्नर के आदेश पर पूरे मामले की जांच कराई.
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Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के बलरामपुर रामानुजगंज जिले में सरकारी जमीन का बड़ा घोटाला सामने आया है. यहां जमीन माफिया ने भनोरा गांव स्थित 143.23 एकड़ गोचर मद की जमीन को फर्जी दस्तावेजों के सहारे बेच दिया गया. जिसकी कीमत बाजार में 331 करोड़ रुपए है. इसका खुलासा अब हो रहा है, जब एक शिकायत के बाद बलरामपुर कलेक्टर ने सरगुजा कमिश्नर के आदेश पर पूरे मामले की जांच कराई और जांच में पता चला कि फर्जी सेटलमेंट का दस्तावेज लगाकर कई नेताओं के करीबियों और अफसरों को माफिया ने जमीन बेच दिया. कलेक्टर ने जांच में साफ लिखा है कि अब इस जमीन का क्रय विक्रय पर प्रतिबंध लगाया जाता है, हालांकि अब इस पूरे मामले में माफिया के खिलाफ क्या कार्रवाई होती है इसे सरगुजा कमिश्नर के द्वारा तय किया जाना है.

फर्जी दस्तावेज बनाकर सरकारी जमीनों की हुई बिक्री

बलरामपुर जिले के भनौरा गांव में गोचर भूमि पुराना खसरा नंबर 93 रकबा 143. 23 एकड़ भूमि को भू माफियाओं के द्वारा अलग-अलग व्यक्तियों के नाम से फर्जी सेटलमेंट लगाकर बिना सक्षम अधिकारी के अनुमति लिए बगैर अनेकों व्यक्तियों को भूमि विक्रय किया गया. इस पर जांच कराकर भूमि को शासन के पक्ष में दर्ज कराते हुए फर्जी दस्तावेज तैयार कराने वाले संबंधित व्यक्तियों के विरुद्ध अपराधिक प्रकरण दर्ज कराए जाने के संबंध में एक शिकायत आवेदन आयुक्त सरगुजा संभाग अंबिकापुर के समक्ष प्रस्तुत किया गया था. जिसमें उल्लेख किया गया था कि बलरामपुर जिले के ग्राम पंचायत भनौरा की गोचर भूमि जो साजन, दीपक राम अगरिया, बाबूलाल भुइयां, रामलाल सहित अन्य लोगों के पूर्वजों के नाम पर था जिसे रामविलास के नाम पर वर्ष 1990-91 में वन विस्थापन के संबंध में वन विभाग के द्वारा अलग से खसरा नंबर आवंटित कर पट्टा प्रदान पट्टा प्रदान किया गया. इसके अलावा भूमि खसरा नंबर 520, 521, 522, 523, 525, 526 का बंदोबस्त वर्ष 1996-97 में नया खसरा नंबर 218, 222, 239, 240, 241, 220 बनाया गया और भूमि का पट्टा साजन, दीपकराम दोनों पिता बंसी जाति अगरिया के दादा लालसाय तथा बाबूलाल, रामलाल के भाई जगपत तथा पचाठ के नाम पर प्रदान किया गया. वन व्यवस्थापन के तहत प्राप्त पट्टे की भूमि को बिना सक्षम अधिकारी के अनुमति प्राप्त किए दूसरे जाति के व्यक्तियों को फर्जी सेटलमेंट लगाकर सेटलमेंट की भूमि बताकर कई लोग को विक्रय किया गया है.

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कलेक्टर की जांच में हुआ खुलासा

इस मामले में डीके सोनी की शिकायत पर कलेक्टर बलरामपुर के द्वारा टीम गठित की गई जिस पर गठित टीम ने जांच कर अपना प्रतिवेदन कलेक्टर बलरामपुर के समक्ष प्रस्तुत किया गया जिसमें यह उल्लेख किया गया की गोचर भूमि का गलत तरीके से फर्जी सेटलमेंट लगाकर क्रय विक्रय किया गया है, तथा जांच रिपोर्ट में यह भी लिखा गया है कि राजस्व रिकार्ड का दुरुपयोग कर क्रय विक्रय किया गया है. गोचर भूमि में काफी प्रभावशाली व्यक्तियों ठेकेदार, नेता व अधिकारियों का मकान बना हुआ है. जांच रिपोर्ट कलेक्टर के द्वारा अब कमिश्नर सरगुजा को भेजा जाएगा जिसमे कमिश्नर सरगुजा की निर्णय लेना है.

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