Chhattisgarh: सुकमा में आदिवासियों के हिस्से से 4 महीने का पीडीएस राशन चोरी, प्रशासन ने 7 लोगों पर की FIR

Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ प्रदेश के अंतिम छोर सुकमा जिले में राशनमाफियाओं के विरुद्ध जिला प्रशासन ने अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई की है. विकासखंड कोंटा ब्लॉक के घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के केरलापेंदा और एलमपल्ली पंचायत के सरपंच-सचिव और सेल्समैन समेत 7 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है.
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Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ प्रदेश के अंतिम छोर सुकमा जिले में राशनमाफियाओं के विरुद्ध जिला प्रशासन ने अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई की है. विकासखंड कोंटा ब्लॉक के घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के केरलापेंदा और एलमपल्ली पंचायत के सरपंच-सचिव और सेल्समैन समेत 7 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है. लगातार 3 दिन तक चली प्रशासन की कार्रवाई में लगभग 700 क्विंटल खाद्य सामग्री जब्त की गई है, जिसकी सरकारी कीमत 26 लाख से अधिक आंकी गई है. इधर जिला प्रशासन की कार्रवाई के बाद राशन माफियाओं में हड़कंप मचा हुआ है. 07 माफिया के खिलाफ थाना चिंतलनार में FIR दर्ज किया गया.

नक्सल प्रभावित चिंतलनार का इलाका बीते कई सालों से पीडीएस राशन की कालाबाजारी का मुख्य केंद्र रहा है. संवेदनशील घोर नक्सल प्रभावित इलाका और पहुंचविहीन होने की वजह से दशकों से गांवों तक राशन नहीं पहुंच सका है. यही वजह है कि इलाके के भोले भाले आदिवासियों की अशिक्षा का फायदा राशनमाफिया उठा रहे थे। बारिश से पहले पहुंचविहीन पंचायतों में 6 माह राशन एक साथ चिंतलनार में डंप किया जाता है. इस साल भी 5 पंचायत चिंतलनार, मोरपल्ली, मुकरम, एलमपाल्ली और केरलापेंदा का राशन अप्रैल महीने में भेजा गया था.

3 दिन तक चली प्रशासन की कार्रवाई

नक्सल प्रभावित चिंतलनार इलाके के करीब आधा दर्जन पंचायतों में सरकारी राशन नहीं मिलने की लगातार शिकायतें जिला प्रशासन को मिल रही थी. सुकमा कलेक्टर हरीश एस ने कोंटा एसडीएम शबाब खान के नेतृत्व में कोंटा तहसीलदार और खाद्य विभाग की टीम को जांच के लिए चिंतलनार भेजा. तीन दिन तक चली कार्रवाई के दौरान जांच टीम ने कई ठिकानों पर छापा मारा. इस दौरान वन विभाग के गोदाम समेत दो निजी मकानों से भारी मात्रा में पीडीएस का राशन बरामद हुआ.

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जब्त खाद्य सामग्री की कीमत 27 लाख रुपए

छापामार कारवाई के दौरान जांच टीम ने चिंतलनार स्थित वन विभाग के गोदाम, एक निजी गोदाम और एक निजी मकान से कुल 694 क्विंटल खाद्य सामग्री बरामद किया गया है. जिसकी सरकारी किमी 27 लाख रुपए बताई जा रही है. जब्त खाद्य सामग्री में चावल 1093 बोरी, शक्कर 73 बोरी, चना 74 किलो, नमक 97 बोरी, गुड़ 131 कार्टून, धान कोंडा 275 बोरी और क्रिस्टल नमक 105 बोरी बरामद किया गया है.

इनके खिलाफ हुई एफआईआर

राशन की कालाबाजारी मामले में जिला प्रशासन ने केरलापेंदा ग्राम पंचायत के सरपंच तेलाम पायके, सचिव हिमाचल पूरी गोस्वामी, सेल्समैन भीमसेन वट्टी और एलमपल्ली ग्राम पंचायत की सरपंच हिमानी मरकाम, सचिव गोपी कृष्ण राजपूत, सेल्समैन विजय हमला के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया गया है. इसके अलावा कालाबाजारी के मामले में चिंतलनार के एक व्यापारी विक्रम सिंह के खिलाफ भी प्राथमिकी दर्ज की गई है.

राशन की कालाबाजारी में पुलिस की भूमिका भी संदिग्ध-मनीष कुंजामगरीबों के राशन की कालाबाजारी के खिलाफ जिला प्रशासन द्वारा की गई कार्रवाई पर सीपीआई नेता और पूर्व विधायक मनीष कुंजाम ने कहा कि चावल तस्करों पर एफआईआर के साथ जेल भेजने की कार्रवाई भी की जानी चाहिए. कार्रवाई केवल खानापूर्ति न हो, ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए. वन विभाग के गोदाम से बरामद चावल की बोरियों से पता चलता है कि इसमें फॉरेस्ट के अधिकारी-कर्मचारी भी शामिल है. बिना डीएफओ की जानकारी में फॉरेस्ट का कर्मचारी सरकारी गोदाम में राशन रखने की अनुमति नहीं दे सकता है. चिंतलनार इलाके में राशन की कालाबाजारी कई सालों से चल रहा है. नक्सल इलाके में पुलिस घने जंगल में नक्सली गतिविधियों को भांप लेती है, लेकिन चावल तस्करों को पकड़ने में असफल नजर आती है. इस पूरे गोरखधंधे में पुलिस की भूमिका भी सवालों के घेरे में नजर आ रही है.

जिला खाद्य अधिकारी जयवर्धन ठाकुर ने बताया कि जब्त राशन सामग्री के संबंध में विक्रेता, क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों एवं संबंधित कर्मचारियों का बयान एवं पंचनामा के साथ ही वजन किया गया है. प्रकरण में अग्रिम कार्यवाही जारी है, प्रकरण प्रथम दृष्टया खाद्यान्न की कालाबाजारी का प्रतीत होने के कारण ग्राम पंचायत एलमपल्ली एवं केरलापेंदा के सरपंच, सचिव व विक्रेता के विरूद्ध पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई है.

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