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Chhattisgarh: सरकारी अस्पतालों में वेंटिलेटर व सुविधाओं की कमी से 40 हजार बच्चों की मौत, हाईकोर्ट ने माना गंभीर मामला, चीफ जस्टिस ने जताई चिंता

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बिलासपुर हाईकोर्ट

Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने प्रदेश में पांच साल के भीतर सरकारी अस्पतालों में 40 हजार बच्चों की मौत को गंभीर माना है. चीफ जस्टिस ने कहा है की सुविधाओं की कमी चिंताजनक है.  चीफ जस्टिस रमेश सिंह और रजनी दुबे की बेंच ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा है कि सरकारी रिपोर्ट स्पष्ट रूप से कहती है कि अस्पतालों में सुविधाओं की कमी है. कोर्ट ने शासन की रिपोर्ट को न्यायिक अधिकारी के परीक्षण के बाद अदालत में जमा करने की बात कही है.

हाईकोर्ट ने सरकार को भेजा नोटिस, मांगा जवाब

प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में पिछले 5 साल में 40 हजार बच्चों की मौत हुई है, जिसे हाईकोर्ट ने संज्ञान लिया है और मामले में सुनवाई जारी है. इस मामले में अदालत ने सरकार को नोटिस भेज कर पूरे मामले में स्पष्ट जवाब देने के निर्देश दिए हैं, जिसमें ही शासन की तरफ से एक रिपोर्ट पेश की गई है, जिसे देखने के बाद चीफ जस्टिस की बेंच ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि सरकारी अस्पतालों में सुविधा और वेंटीलेटर का अभाव है, जिसके कारण ही इस तरह की घटना होने की संभावना है.

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शून्य से 5 साल तक के बच्चों की हुई है मौत

पूरे प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में शून्य से 5 साल के बच्चों की इलाज के दौरान मौत हुई है, जिसे ही हाईकोर्ट ने गंभीर माना है. बता दें कि बिलासपुर समेत रायपुर जगदलपु, कोरबा और अन्य स्थानों के सरकारी अस्पतालों में कई तरह की सुविधाओं का अभाव है. जिसके कारण ही इस तरह की स्थिति निर्मित हो रही है. जिसे कोर्ट ने गंभीर बताया है, और प्रदेश के स्वास्थ्य अधिकारियों से लगातार जवाब मांगे जा रहे हैं.

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