Chhattisgarh News: बिलासपुर सरकार लाख दावें करे कि उसने अपने प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर कर दिया है, हो सकता है ये कुछ हद तक सहीं भी हो लेकिन सरकार अपने कर्मचारियों को नहीं सुधार पाती हैं और ऐसे असंवेदनशील बिगड़ैल कर्मचारियों का दंड गरीब आम जनता को भुगतना पड़ता है. ऐसा ही एक मामला बेलगहना के करही कछार से सामने आया है. जिसमें एक नौ साल के बच्चे की मौत हो गई और परिवार के लोगों ने बेलगहना स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों पर गंभीर आरोप लगाए है.
लैब कर्मचारी ने नहीं कि खून की जांच
परिवार वालों का कहना है कि उनके बच्चे की तबीयत खराब होने के बाद उसे बेलगहना के स्वास्य केन्द्र में ले जाया गया था. जहां डाक्टर ने जांच के बाद खून जांच करवाने के लिए कहा और पर्ची बना के दिया. जब वे खून जांच कराने के लिए लैब में पहुंचे तो वहां कर्मचारी ने खून जांच नहीं होगा कहते हुए पर्ची को फेंक दिया. जिसके बाद वे अपने बच्चे को लेकर घर आ गए कल रात बच्चे की मौत हो गई. करही कछार में रहने वाले कमलेश बसोर और दुर्गा बसोर के बच्चे विकास की तबीयत कुछ दिनों से खराब थी. जिसे लेकर वे बेलगहना अस्पताल गए थे.
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लापरवाही की वजह से गई बच्चे की जान
डाक्टर ने खून जांच के लिए कहा था लेकिन यहां के टेक्निशीयन ने टाईम नहीं है, करके खून जांच नहीं किया जिसके कारण बच्चे का ईलाज नहीं हो पाया था. कुछ दिन पूर्व ही जिले के कलेक्टर ने भी इस क्षेत्र का दौरा किया था और यहां पदस्थ डाक्टर स्पर्श गुप्ता जो कि काफी लंबे समय से छुट्टी पर चल रहे हैं के बारे में जानकारी लेकर प्रतिवेदन भेजन के लिए कहा था लेकिन विभागीय अधिकारियों ने अभी तक प्रतिवेदन नहीं भेजा है. वहीं पूर्व जनपद अध्यक्ष संदीप शुक्ला को मामले की जानकारी मिलते ही मृतक के घर पंहुचे और जिम्मेदार कर्मचारियों पर कार्यवाही की मांग को लेकर शव के साथ परिजनों को लेकर अस्पताल पंहुचे और अधिकारियो से चर्चा कर एमबीबीएस की तत्काल नियुक्ति की मांग की गई. जिसे BMO निखिल गुप्ता ने आदेश जारी कर पूरा किया.
कांग्रेस नेता ने की मदद
संदीप शुक्ला ने मृतक परिवार को अंतिम संस्कार के लिए ₹10000 की राशि दी और कहा क़ी बेलगहना प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मे उन्नयन क़ी मांग करते हुए स्वास्थ्य सुविधाओं मे सुधार करने क़ी बात कही अधिकारियो के द्वारा लैब तकनीशियन पलेश्वर ध्रुव का स्थानांतरण एवं mbbs तनमय साहू क़ी नियुक्ति का आदेश के बाद धरना समाप्त किया गया और शव को ले जाकर अंतिम संस्कार किया गया. इसके अलावा खराब स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर भी कांग्रेस के पदाधिकारी ने यहां जमकर प्रदर्शन किया कुल मिलाकर स्थिति ठीक नहीं होने पर पर ही यह व्यवस्था बेकार हो गई .