Chhattisgarh: शिक्षा विभाग में प्रमोशन के नाम पर ‘खेल’, रिटायर्ड और दुनिया छोड़ चुके 450 हेड मास्टरों को पदोन्नति देने की हो रही तैयारी

Chhattisgarh News: स्कूल शिक्षा विभाग ने पदोन्नति देने से पहले छत्तीसगढ़ के 2811 हेड मास्टर की वरिष्ठता सूची जारी की. 91 पेज वाले इस सूची को जब हेड मास्टरों ने देखा तो वे हैरान रह गए. क्योंकि 2811 हेड मास्टर वाली सूची में 309 रिटायर्ड हेड मास्टर का नाम था. वहीं करीब 140 ऐसे हेड मास्टरों के नाम हैं, जिन्होंने सालो पहले दुनिया छोड़ दिया है.
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संयुक्त संचालक के दफ्तर में शिकायत लेकर पहुंचे शिक्षक संघ के पदाधिकारी

Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा विभाग के अफसरों की बड़ी लापरवाही उजागर हुई है. ट्रायबल विभाग द्वारा संचालित स्कूलों में पोस्टेड हेड मास्टरों को पदोन्नति देने के लिए तैयार सूची में दुनिया छोड़कर जा चुके और रिटायर्ड करीब 450 हेड मास्टरों को शामिल कर लिया गया. मतलब साफ है विभाग इन्हें अब भी जिंदा और नौकरी में मानकर चल रहा है लेकिन ज़ब इसकी जानकारी शिक्षक संघ को लगी तो संघ के पदाधिकारियों ने जिम्मेदार अफसरों पर कार्यवाही की मांग करते हुए कहा है कि इस गलती को दूर किया जाये और पात्र हेड मास्टरों को पदोन्नति के लिए तैयार किये जाने वाले वरिष्ठता सूची में शामिल किया जाये. विस्तार न्यूज़ से अंबिकापुर निवासी रिटायर्ड हेड मास्टर बबन राय बोले कि, हमें तो पेंशन मिल रहा है, मैं रिटायर्ड हूं अब प्रमोशन देने के बनी सूची में मेरा नाम है तो गलत है.

शिक्षा विभाग में प्रमोशन के नाम पर हुआ घोटाला

स्कूल शिक्षा विभाग ने पदोन्नति देने से पहले छत्तीसगढ़ के 2811 हेड मास्टर की वरिष्ठता सूची जारी की. 91 पेज वाले इस सूची को जब हेड मास्टरों ने देखा तो वे हैरान रह गए. क्योंकि 2811 हेड मास्टर वाली सूची में 309 रिटायर्ड हेड मास्टर का नाम था. वहीं करीब 140 ऐसे हेड मास्टरों के नाम हैं, जिन्होंने सालो पहले दुनिया छोड़ दिया है लेकिन इस सूची में वे जिंदा ही नहीं हैं बल्कि नौकरी में हैं. अब जब इसका खुलासा हुआ है तो जिम्मेदार अफसर हैरान हैं, वही विभाग के उन अफसरों और कर्मचारियों की कार्यशैली पर भी गंभीर सवाल उठ रहा है क्योंकि वरिष्ठता सूची के लिए नाम ब्लाक स्तर से भेजे जाते हैं और नियमानुसार वह भी सेवा पुस्तिका की जांच करने के बाद, वहीं यहां से जिला शिक्षा अधिकारी और इसके बाद संयुक्त संचालक शिक्षा के दफ्तर से फाईल गुजरती है लेकिन इसके बाद भी कहीं पर यह गड़बड़ी नहीं पकड़ी गई.

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फर्जी तरीके से जारी की गई पदोन्नति की सूची

प्रमोशन के इस जालसाजी के साथ एक और गड़बड़ी हुई है.  जिसमें कई हेड मास्टर जिन्होंने 2011 में नौकरी शुरू की लेकिन पदोन्नति पाने के चक्कर में उन्हें 2001 से पोस्टिंग बता दिया गया है. यानि दस साल अधिक अनुभव और सीनियर बता दिया गया है, अकेले सरगुजा में फर्जी तरीके से वरिष्ठता सूची में शामिल होकर पदोन्नति पाने की कोशिश करने वालो में 13 हेड मास्टरों के नाम हैं. वहीं पूरे प्रदेश में ऐसी गड़बड़ी की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता है.

कांग्रेस सरकार में भी सामने आई थी गड़बड़ी

बता दें कि इससे पहले कांग्रेस सरकार में भी शिक्षा विभाग में पदोन्नति देने और पोस्टिंग में गड़बड़ी के साथ करोड़ो रुपये के लेनदेन का मामाला उजागर हुआ था इसके बाद इसमें खूब राजनीति हुई तो अफसर सस्पेंड हुए लेकिन अब रिटायर्ड व मृत हेड मास्टरों को पदोन्नति देने तैयार किये गए वरिष्ठता सूची से कई गंभीर सवाल उठने लगे हैं, जिससे कई पात्र हेड मास्टर पदोन्नति से वंचित रहजाएंगे और हमेशा की तरह पदोन्नति की यह प्रक्रिया भी कोर्ट तक चली जाएगी, हालांकि ऐसा न हो इसके लिए सरकार पहल कर गफलत दूर करेगी.

संयुक्त संचालक, स्कूल शिक्षा संजय गुप्ता ने बताया कि लापरवाही कैसे हुई, जांच होगी और नियमानुसार कार्यवाही होगी. वरिष्ठता सूची में मिली गड़बड़ी को ठीक किया जायेगा. शिक्षक संघ के अध्यक्ष सीपी सोनी ने बताया कि सूची का ज़ब उन्होंने अवलोकन किया तो गड़बड़ी सामने आई। इसमें सुधार हो इसके लिए अफसरों को आवेदन दिया गया है, समझ नहीं आता कि आखिर इतनी बड़ी लापरवाही कैसे हुई, जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारियों पर कार्यवाही होना चाहिए.

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