Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ में संभाग के सबसे बड़े अस्पताल सिम्स की व्यवस्था बदहाल है. यहां स्थापित हुई 25 करोड रुपए की सीटी स्कैन और MRI मशीन है. एक बार फिर 15 दिनों से खराब पड़ी है. पिछले 2 साल में लगभग 15 बार ऐसा हो चुका है कि यह मशीन थोड़े-थोड़े दिनों में खराब हो जा रही है. इसके कारण उन मरीजों को परेशानी हो रही है जो यहां इलाज और जांच करने आ रहे हैं. पहले तो इस बात के लिए लाइन और दूसरा कि यहां कोई यह बताने वाला नहीं कि आखिर इस भीड़ को जांच इलाज कब मिलेगा? समस्या का कारण बनता जा रहा है. मेडिकल कॉलेज के दिन डॉक्टर के के सहारे इस समस्या को सुधार पाने में नाकाम है और यही कारण है कि लगातार दिक्कतें बढ़ती जा रही है। हालांकि प्रबंधन का दावा है कि उन्होंने इस मशीन को स्थापित करने वाली कंपनी को नोटिस जारी कर ब्लैकलिस्टेड करने की बात कही है. सिम्स के प्रभारी मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉक्टर आरके दास का कहना है कि वह लगातार उनकी इंजीनियरों से मांग कर रहे हैं की सीटी स्कैन और एमआरआई मशीन को जल्द बनाया जाए ताकि मरीजों को समस्या ना हो लेकिन दूसरी तरफ उनकी इंजीनियर इस बात को सुनाने तक को तैयार नहीं है. यही कारण है कि यहां वारंटी परेड में चल रही इस मशीन को नहीं बनाने की बात को लेकर उस कंपनी को ब्लैक लिस्टेड करने की चेतावनी भेजी जा रही है.
40 से अधिक डॉक्टर छुट्टी पर इलाज प्रभावित
छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान संस्थान यानी सिम्स में समर वेकेशन को लेकर 40 से अधिक डॉक्टर एक साथ छुट्टी पर चले गए हैं. यही कारण है कि सर आंख नाक कान पर समेट हड्डियों के डॉक्टर भी मरीज को घूमने पर नहीं मिल रहे हैं. पहले पर्ची काटने की लंबी लाइन और फिर जब वे उसे वार्ड में पहुंचते हैं तब उन्हें डॉक्टर नहीं मिलते और फिर उन्हें निजी अस्पतालों का रुख करना पड़ रहा है कुल मिलाकर यह समस्या सालों से बनी है जिसका अंत अभी तक नहीं हो पाया है.
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यह बता रहे मशीनों के नहीं चलने का कारण
कुछ डॉक्टरों का कहना है कि यहां टेंपरेचर के कारण एमआरआई और सिटी मशीन ने नहीं चल रही है. 34 डिग्री तापमान में यह मशीन नहीं चलेगी और यही कारण है कि इसे शुरू नहीं किया जा रहा है, जबकि दूसरी तरफ प्रबंधन का रहा है कि कुछ टेक्निकल फॉल्ट है कुल मिलाकर आने वाले समय में पता चलेगा की समस्या मूल रूप से क्या है और कब तक ठीक होगी.
निजी जांच सेंटर को फायदा
सिम्स के डॉक्टर पर आरोप लग रहे हैं कि मशीनों को बंद कर दे निजी जांच केंद्रों को फायदा पहुंचा रहे हैं. यहां सीटी स्कैन और एमआरआई जांच रियायती दरों पर मिल रही है जबकि बाहर में यही जांच 10 से 15000 रुपए में होती है। डॉक्टर पर आरोप है कि बाहर के जांच सेंटरों से उनकी मिली भगत है और आए दिन इसे जानबूझकर बंद किया जा रहा है। इसके कारण मरीज त्रस्त हैं.
सिम्स के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉक्टर आरके दास का कहना है कि उन्होंने एमआरआई और सिटी मशीन नहीं चलने की बात को लेकर उसे कंपनी को नोटिस भेजा है और उन इंजीनियरों को इसे बनाने की बात कही है जो इसके एक्सपर्ट हैं. लेकिन इंजीनियर जानबूझकर ध्यान नहीं दे रहे हैं जिसके कारण ही 10 से 15 दिन से यह मशीन बिगड़ी पड़ी है और मरीजों को भी इसका लाभ नहीं मिल रहा है उनका कहना है कि उन्हें कलेक्टर और शासन को पत्राचार किया जा रहा है और जल्द ही कंपनी नहीं ध्यान देगी तो उन्हें ब्लैकलिस्टेड भी करेंगे.