Vistaar NEWS

Chhattisgarh: CM विष्णुदेव साय ने की मां दंतेश्वरी की पूजा, बस्तर दसराहा पसरा के करोड़ों के विकास कार्यों का किया लोकार्पण

Chhattisgarh news

सीएम विष्णुदेव साय ने की मां दंतेश्वरी की पूजा

Chhattisgarh News: सीएम विष्णुदेव साय ने अपने एक दिवसीय बस्तर प्रवास के दौरान जगदलपुर राजवाड़ा परिसर स्थित मंदिर में मां दंतेश्वरी की दर्शन और पूजा-अर्चना कर प्रदेश की जनता की सुख-समृद्धि एवं खुशहाली की कामना की. मुख्यमंत्री साय के साथ बस्तर दशहरा के माटीपुजारी कमल चंद भंजदेव, वन मंत्री केदार कश्यप वनमंत्री केदार कश्यप, सांसद महेश कश्यप, कांकेर सांसद भोजराज नाग, विधायक किरण देव, कोंडागाँव विधायक लता उसेंडी,चित्रकोट विधायक विनायक गोयल, दंतेवाड़ा विधायक चैतराम अटामी ने भी मां दन्तेश्वरी की पूजा-अर्चना की.

बस्तर दसराहा पसरा के विकास कार्य का CM ने किया लोकार्पण

CM विष्णुदेव साय ने आज बस्तर जिले के एक दिवसीय प्रवास के दौरान 2 करोड़ 99 लाख 78 हजार से अधिक की लागत के बस्तर दसराहा पसरा के विकास कार्य का लोकार्पण किया. यहां दंतेश्वरी मंदिर के समीप स्थित पुराने तहसील कार्यालय का जीर्णोद्धार कर बस्तर दशहरा के लिए समर्पित किया गया है. इसका नाम बस्तर दसराहा पसरा (बस्तर दशहरा हेतु स्थल) दिया गया है. मुख्यमंत्री ने पसरा में बस्तर दशहरा के विभिन्न रस्मों की फोटो प्रदर्शनी, प्रतीकात्मक रथ, देवी देवताओं के प्रतिकों अवलोकन कर उनकी सराहना की, उन्होंने प्रतीकात्मक रथ के समीप फोटो भी खिंचवाई. दसराहा पसरा में 75 दिवसीय दशहरा उत्सव में होने वाले मुख्य विधि विधान जिनमें पाट जात्रा, डेरी गढ़ाई, काछन गादी, रैला देवी पूजा, जोगी बिठाई, रथ परिक्रमा, बेल पूजा, निशा जात्रा, मावली परघाव, भीतर रैनी-बाहर रैनी काछन जात्रा, कुटुम्ब जात्रा और डोली विदाई की जीवन्त प्रतिकृति स्थापित कर जन सामान्य और पर्यटकों को सुलभ जानकारी देने का प्रयास किया गया है.

ये भी पढ़ें- अब तितलियों को जानने और पहचानने का मिलेगा मौका, बारनवापारा अभ्यारण्य में इस दिन बटरफ्लाई मीट का होगा आयोजन

प्रसिद्ध बस्तर दशहरा पर्व छत्तीसगढ़ की अनुठी सांस्कृतिक विशेषतापूर्ण और बस्तर के जन-जातियों की आराध्य देवी दन्तेश्वरी तथा स्थानीय देवी-देवताओं की पूजा विधान के रूप में मनाया जाता है. तहसील कार्यालय में पहले से चली आ रही परंपरा अनुसार दशहरा पर्व में शामिल होने वाले क्षेत्र के सभी देवी देवता, आंगादेव, देवी की छत्र की उपस्थिति का दर्ज इसी स्थल पर किया जाता रहा है. इसलिए प्रशासन द्वारा तहसील कार्यालय को अन्य स्थल पर स्थांनातरित कर पुराने तहसील कार्यालय को दसराहा पसरा के लिए चिन्हांकित कर दिया गया है.

 

 

Exit mobile version