Chhattisgarh News: जिले में कोयले के वैध अवैध प्लांट और कोल वासरी से पूरा शहर परेशान है. कहीं कोयला चोरी की शिकायत हो रही है तो कहीं किसी भी जगह कोयला डंप करने और इसके अफरा तफरी की. बिलासपुर रतनपुर मार्ग पर किसी गांव के शमशान घाट में किसी गांव की धान मंडी में तो किसी गांव के बीच बाजार कोयले के प्लांट संचालित हो रहे हैं. यहां ही कोल वाशरी बनी हुई है. सबसे ज्यादा गड़बड़ी कोलवाशरी में होती है. जहां कोयले को धोने के नाम पर ग्रेडिंग का खेल होता है और कोयला चोरी भी यही सबसे ज्यादा सामने आती है.
बिलासपुर पुलिस ने जिला प्रशासन को एक जांच रिपोर्ट भेजी है जिसमें सिरगिट्टी क्षेत्र में संचालित एक कोल प्लांट में भंडारण से अधिक कोयला होने की सूचना दी गई है, लेकिन इसके बावजूद खनिज विभाग ने वहां कोई कार्रवाई नहीं की है. सबसे बड़ी बात है कि यहां नियम कायदों का पालन नहीं हो रहा है जिसके चलते दिन भर लोग प्रदूषण झेल रहे हैं, उन्हें धूल और कोयले के उड़ रहे कण के चलते बीमारी हो रही है. साथ ही सड़क भी टूट रही है और दिन भर ट्रैकों के आने जाने से उन्हें कई तरह की दिक्कतें भी हो रही है. विस्तार न्यूज़ की टीम ने ऐसे ही 10 गांव का जायजा लिया है जहां इस तरह की समस्या है. बिलासपुर में कछार, लोफंदी, चुंकवां, सेमरताल जैसे गांव में लोगों का रहना दूभर हो गया है. यह तो रही गांव की बात. शहर के सिरगिट्टी क्षेत्र में मैसर्स पावर कोल बेनिफिशियन बने कोल प्लांट और कोल वाशरी के चलते इस क्षेत्र के लाखों लोग तकलीफ उठा रहे हैं. सबसे बड़ी समस्या सड़कों पर दिनभर बड़ी गाड़ियों के खड़े होने की होती है। लगभग 2 से 3 किलोमीटर तक सड़क के दोनों तरफ ट्रक चालकों का कब्जा होता है और आम लोगों का आना-जाना कठिन सा दिखता है. लोगों ने इसकी शिकायत कई बार की है लेकिन जिला प्रशासन इसकी तरफ ध्यान नहीं देता है. सबसे बड़ी बात यह है कि पुलिस विभाग ने भी यहां की खामियां उजागर करते हुए खनिज विभाग को कल प्लांट के संचालक की मनमानी और कर्मचारियों के प्रति सुरक्षा की जानकारी दी है लेकिन अभी तक खनिज विभाग ने उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है इसलिए सवाल उठता है कि आखिर माइनिंग डिपार्टमेंट न सिर्फ सिरगिट्टी के इस कल प्लांट को लेकर बल्कि गांव में चल रहे मनमानी को लेकर नियम कायदों का पालन क्यों नहीं करवाता है और गलत करने वालों के खिलाफ कार्यवाही क्यों नहीं करता है?
बिलासपुर पुलिस अधीक्षक ने कलेक्टर को दी है जांच रिपोर्ट
बिलासपुर एसपी राजनेश सिंह ने सिरगिट्टी में मेसर्स पावर कल बेनिफिशियल के संदर्भ में कलेक्टर को एक रिपोर्ट सौंपी है. इसमें पुलिस की तरफ से यह जानकारी दी गई है कि इस प्लांट में कर्मचारियों की सुरक्षा को लेकर इंतजाम नहीं है. कोयले के भंडारण को लेकर भी संदेह है क्योंकि यहां 70000 टन कोयला भंडारण होने की बात बताई जा रही है लेकिन मौके पर उससे कहीं ज्यादा कोयला दिखता है. कोयल का कीचड़ इधर-उधर फैला हुआ है और कर्मचारियों को जूते और जिस तरह क्योंकि मानकों का पालन करना चाहिए वह नहीं हो रहा है. जांच रिपोर्ट में यह बताया गया है कि किसी भी कर्मचारी का वेरिफिकेशन भी नहीं कराया गया है जिसकी जानकारी जिला प्रशासन को दी गई है. इस रिपोर्ट के बाद भी खनिज विभाग की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं हुई है.
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यह है बड़ी दिक्कतें
शहर और गांव के बीच जिस तरह कल प्लांट संचालित हो रहे हैं उनके आसपास बड़ी आबादी बसती है. सिरगिट्टी में खुद हाउसिंग बोर्ड ने पूरा शहर बसा दिया है लेकिन दिनभर लोग कोयले के धूल से परेशान है उनके घरों में कोयल का धूल का गुबार आसानी से देखा जा सकता है. खाने पीने की चीजों से लेकर सूखने हुए कपड़ों में भी कालापन नजर आता है. यही कारण है कि लोगों का जीवन पूरी तरह से त्रस्त हो चुका है लेकिन प्रशासन इन्हें हटाने को लेकर कोई ध्यान नहीं दे रहा है. इसके अलावा गांव में लोग भारी परेशानी झेल रहे हैं. क्षेत्र के गांव अब किसी इंडस्ट्रियल एरिया के जैसे दिखते हैं ना कि गांव का स्वरूप नजर आता है. स्थिति बेहद बुरी होते जा रही है लेकिन कोई किसी तरह से ध्यान देने को तैयार नहीं है जबकि पुलिस विभाग ने इस मामले में स्पष्ट जांच रिपोर्ट जिला प्रशासन को भेज दिया है. यही वजह है कि खनिज अधिकारियों की कार्य प्रणाली अब संदेह के दायरे में आ गई है.
बिलासपुर के एसपी रजनीश सिंह का कहना है कि सिरगिट्टी के कोल प्लांट के विषय में हमने जिला प्रशासन को एक रिपोर्ट भेजी है. जिसमें उन्होंने जो जानकारी मांगी थी वह सिरगिट्टी के थाना प्रभारी से लेकर उन्हें दे दी गई है जहां तक गांव में कोयले के वासरी और प्लांट की बात है तो यह खनिज विभाग का मामला है उन्हें देखना चाहिए कि प्लांट वैध है या अवैध है. पुलिस को जब भी कोयले की चोरी या बाकी चीजों की जानकारी मिलती है तो निश्चित ही बड़ी कार्रवाई होती है.