Vistaar NEWS

Chhattisgarh News: EVM वाले बयान के बाद भूपेश बघेल के खिलाफ चुनाव आयोग में दर्ज हुई शिकायत

Chhattisgarh News

पूर्व सीएम भूपेश बघेल(फाइल फोटो)

Chhattisgarh News: लोकसभा चुनाव के ठीक पहले एक बार फिर से EVM पर सवाल खड़े हो रहे हैं, छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पाटन में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि इस बार लोकसभा का चुनाव EVM से नहीं होने देना चाहिए. बैलेट पेपर से चुनाव होगा तो भाजपा की सच्चाई सामने आ जाएगी. संबोधन के दौरान भूपेश बघेल ने एक फार्मूला भी बताया कि अगर लोकसभा में 384 प्रत्याशी खड़े होंगे तो बैलट पेपर से चुनाव होगा. अब इसमें भूपेश बघेल के खिलाफ चुनाव आयोग में शिकायत हो गई है.

भूपेश बघेल के खिलाफ चुनाव आयोग में हुई शिकायत

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के इस बयान के बाद उन पर शिकायत भी दर्ज हो गई है. दुर्ग भाजपा जिला उपाध्यक्ष राजेंद्र साहू ने यह शिकायत निर्वाचन आयोग से की है, उन्होंने अपनी शिकायत में कहा है कि यह चुनावी प्रक्रिया प्रभावित करने की कोशिश है, अनुचित ढंग से बाधित करने का प्रयास है और निर्वाचन के प्रतिष्ठा धूमिल करने की कोशिश है.

ये भी पढ़ें – लोकसभा का टिकट मिलने पर कवासी लखमा बोले- बेटे के लिए बहू मांगने गया था, पार्टी ने मुझे दुल्हन पकड़ा दी

पूर्व सीएम ने पाटन में दिया था बयान

दरअसल पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 26 मार्च को पाटन में कांग्रेस कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा था कि कोर्ट और चुनाव आयोग के आदेश के बिना आज भी बैलेट पेपर से वोटिंग हो सकते हैं,  इसके लिए एक लोकसभा सीट पर 375 से अधिक उम्मीदवार मैदान में होने चाहिए. भूपेश बघेल ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं से अपील भी कि आप सभी लोग चुनाव लड़ने के लिए नामांकन कीजिए. 375 पार उम्मीदवार हो जाएंगे तो बैलेट पेपर से वोटिंग होगी और हमारी जीत हो जाएगी.

राज्य निर्वाचन आयोग के पूर्व आयुक्त सुशील त्रिवेदी ने दी जानकारी

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के तरकीब के बाद यह समझना भी जरूरी है कि क्या यह नियम अनुसार होगा. इस पर राज्य निर्वाचन आयोग के पूर्व आयुक्त सुशील त्रिवेदी का कहना है कि बयान पूरी तरह से अव्यावहारिक है. 384 प्रत्याशियों के खड़े होने पर चुनाव आयोग के चुनाव प्रक्रिया पर असर पड़ेगा और 384 कैंडिडेट के लिए निर्वाचन आयोग को बुकलेट छपवाना पड़ेगा. उसे रखने के लिए बड़ी-बड़ी पेटियों का सहारा लेना पड़ेगा, तो यह पूरी तरीके से अव्यावहारिक है. जब-जब देश में चुनाव आता है तब-तब ईवीएम पर सवाल खड़े होते हैं, इस बार EVM की जगह वैलेट पेपर से चुनाव कैसे हो. इसका विकल्प भी ढूंढ लिया गया, लेकिन इस विकल्प से बनी बनाई चुनावी प्रक्रिया बाधित हो सकती है.

Exit mobile version