Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में 11वीं शताब्दी के दौरान बने रतनपुर स्थित मां महामाया मंदिर की तस्वीर बदलने वाली है. काशी अयोध्या और महाकाल की तर्ज पर यहां पर कॉरिडोर बनाया जाएगा. केंद्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू ने इसके संदर्भ में केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से मुलाकात की थी. जिसके बाद इस योजना को अमल में लाने पर पहला कदम बढ़ाया गया है. केंद्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू ने दिल्ली में आवासन एवं शहरी केंद्र मंत्रालय में एनबीसी के अधिकारियों की बैठक लेकर कार्य योजना तैयार की गई है. केंद्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू का कहना है कि रतनपुर में लाखों करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था जुडी हुई है. मां महामाया मंदिर के विकसित होने से उन श्रद्धालुओं को इसका लाभ मिलेगा जो देश और विदेश से आकर यहां पूजा अर्चना करते हैं और अपनी मनोकामना मांगते हैं. रतनपुर में कॉरिडोर निर्माण की सभी उत्सुकता से इंतजार कर रहे हैं और रतनपुर ही नहीं बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ और बिलासपुर जिले के लोगों ने इस निर्णय का स्वागत किया है.
विस्तार न्यूज़ पहुंचा रतनपुर केंद्रीय राज्य मंत्री साहू की घोषणा के बाद विस्तार न्यूज़ की टीम रतनपुर के मां महामाया मंदिर पहुंची. यहां के मुख्य पुजारी अरुण शर्मा ने मंदिर का इतिहास बताया उन्होंने कहा कि यह मंदिर 11वीं शताब्दी में बनाई गई थी. राजा रत्नदेव प्रथम ने इस मंदिर का निर्माण कराया था, उन्होंने इस मंदिर से जुड़ी कई कहानी भी बताई है जिनमें राजा को स्वप्न और रतनपुर को रतनपुर बनाने के किस्से जुड़े हैं. उन्होंने बताया कि यहां हर दिन 5 से 7000 श्रद्धालु मां महामाया मंदिर में दर्शन करने पहुंचते हैं और मां की शांति और मुराद मांगते है. आदिशक्ति मां महामाया का मंदिर पूरे देश में विख्यात है और यहां अमेरिका थाईलैंड के अलावा कई दूसरे देशों के लोग ज्योति कलश जलवाते हैं. सबसे ज्यादा भीड़ नवरात्र पर्व होती है जब मां के लिए लोगों की आस्था अलग ही दिखती है.
विधायक सुशांत शुक्ला बोले, जल्द शुरू होगा काम
भारतीय जनता पार्टी के विधायक सुशांत शुक्ला ने मां महामाया मंदिर में कारीडोर निर्माण की बात को जल्द होने की बात कही है, उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रसाद योजना के तहत मां महामाया मंदिर का चयन किया है जिससे पूरे क्षेत्र में उत्सव जैसा माहौल है उनके मुताबिक जल्द इस घोषणा की आगे की प्रक्रियाएं बढ़ेंगे. जिससे हजारों लाखों श्रद्धालुओं को लाभ होगा.
यह है खासियत
रतनपुर में मां महामाया मंदिर के अलावा कई ऐसे धर्मस्थल है जहां के प्रति लोगों की आस्था देखते ही बनती है. यहां मां महामाया मंदिर के अलावा गिरजा वन है जहां हनुमान जी विराजते हैं इसके अलावा पहाड़ पर राम टेकरी और लक्ष्मी देवी का मंदिर भी बनाया गया है. इसी जगह पर हनुमान जी की विशालकाय मूर्ति लोगों को आकर्षित करती है इसके अलावा भैरव बाबा का मंदिर और सिद्धिविनायक मंदिर भी यहां खूब प्रचलित है. रतनपुर की पहचान अब धर्मस्थल के तौर पर हो गई है यही कारण है की बड़ी संख्या में लोग यहां आते हैं इसके अलावा खुटाघाट बांध है जो पिकनिक स्थल के तौर पर डेवलप हो चुका है. बिलासपुर जिले में स्थल का एक अलग महत्व और अलग विशेषता है.
छत्तीसगढ़ की पहली राजधानी थी रतनपुर
बिलासपुर कोरबा मार्ग पर 25 किलोमीटर में आदिशक्ति मां महामाया देवी का पवित्र नगरी रतनपुर में मंदिर है. यहां का इतिहास काफी गौरवशाली रहा है. तत्रिपुरी के कल्चुरियों ने रतनपुर को अपनी राजधानी बनाकर लंबे समय तक छत्तीसगढ़ में शासन किया है. इसे चतुर योगी नगरी भी कहा जाता है जिसका मतलब यहां का अस्तित्व चारों युग में विद्यमान रहने की बात है. राजा रत्नदेव प्रथम ने एक स्वप्न आने पर रतनपुर को राजधानी बनाकर यह नगरी बसाई थी और उन्होंने ही मां महामाया मंदिर का निर्माण भी करवाया था.