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Chhattisgarh: 20 साल पुरानी शर्ट के आधार पर हुई शव की पहचान, मथुरा पुलिस ने बिलासपुर पहुंचाया बुजुर्ग का शव

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मृतक

Chhattisgarh News: बिलासपुर की पुलिस ने मथुरा पुलिस के साथ मिलकर एक ऐसे मामले को सुलझा लिया है, जो बड़ा ही पेचीदा था. पुलिस ने 20 साल पुरानी शर्ट के आधार पर एक बुजुर्ग की पहचान की है, जो मथुरा घूमने के नाम पर बिलासपुर से वहां पहुंच गया था, और वहां से अब उस बुजुर्ग की लाश वापस लाई जा रही है. मथुरा   थाना प्रभारी आईपीएस प्रशिक्षु ट्विंकल और बिलासपुर पुलिस ने मिलकर अज्ञात शव को उसके परिजनों तक पहुंचाया है.

जानिए क्या है मामला

मथुरा उत्तर प्रदेश थाना प्रभारी आईपीएस प्रशिक्षु ट्विंकल जैन ने बिलासपुर के आईपीएस प्रशिक्षु अजय कुमार को संपर्क किया की एक अज्ञात वृद्ध व्यक्ति का शव उनके थाना क्षेत्र में मिला है. व्यक्ति ने जो कमीज पहनी थी, उसके ऊपर विक्रम टेलर बिलासपुर का स्टीकर लगा था. स्टीकर के आधार पर सिटी कोतवाली में स्थित विक्रम टेलर की पहचान हुई. विक्रम टेलर की दुकान बंद होने पर विक्रम टेलर को फोन करके थाना तलब किया गया. व्यक्ति को ना पहचान कर टेलर ने शर्ट को पहचाना व शर्ट का लगभग 20 साल पुराना होना बताया. मृतक के बिलासपुर निवासी होने के आभास पर अज्ञात शव की पहचान के लिए उसकी फोटो पुलिस विभाग के कर्मचारियों द्वारा विभिन्न इलाकों तक पहुँचायी गई. काफी मशक्कत के बाद मृतक व्यक्ति की पहचान थाना बिल्हा में दर्ज गुम इंसान गजबदन सिंह 75 वर्ष के रूप में हुई. मृतक व्यक्ति के परिजनों को सूचना देकर शव की सुपुर्दगी के लिए रवाना किया गया.

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मथुरा घूमने के नाम पर निकला था बुजुर्ग

गज बदन सिंह के परिजनों ने महीनों से बुजुर्ग के नहीं लौटने पर बिल्हा थाना में गुमशुदा की दर्ज करवाई थी. इसके बाद पुलिस ने इस मामले को लगभग बंद कर दिया था. हालांकि थोड़ी बहुत खोजबीन हुई लेकिन बाद में जब बुजुर्ग नहीं मिले तब पुलिस ने इस मामले की तरफ देखना बंद कर दिया. एकाएक जब मथुरा से इस मामले में फोन आया तब पुलिस फिर से सक्रिय हुई और मामले की पतासाजी के बाद आखिरकार बुजुर्ग की पहचान हो गई.

कई थानों में दर्ज है, गुमशुदा के दर्जनों मामले

बिलासपुर के सरकंडा सिटी कोतवाली सिविल लाइन समेत कई अलग-अलग थानों में गुमशुदगी के मामले अलग-अलग तरह से दर्ज हैं, हालांकि पुलिस लोकेशन के हिसाब से गुम इंसान की पता साजी जरूर करती है, लेकिन नहीं मिलने पर मामले की फाइल दबा दी जाती है. इसके कारण ही यह पता नहीं लगता कि इंसान कहां चला गया. यही वजह है कि अभी भी कईयों की जानकारी पुलिस नहीं लगा पाई है.

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