Vistaar NEWS

Chhattisgarh: बिलासपुर में पासपोर्ट बनवाना कठिन, 6-6 महीने से भटक रहे लोग, रायपुर जाने को मजबूर

Chhattisgarh News

file image

Chhattisgarh News: यदि आप बिलासपुर से विदेश जाने की सोच रहे हैं तो यह खबर जरूर देखिए, क्योंकि बिलासपुर के पासपोर्ट दफ्तर में कई तरह की सुविधाएं नहीं है, जो एक सरकारी दफ्तर में होनी चाहिए.

बिलासपुर में पासपोर्ट बनवाना कठिन, 6-6 महीने से भटक रहे लोग

यही वजह है कि विदेशों में अपने परिजनों से मिलने, डॉक्टरी की पढ़ाई करने और प्रदेश घूमने का सपना रखने वाले लोगों को भारी समस्या का सामना करना पड़ रहा है. उनका कहना है कि उन्हें पासपोर्ट बनवाने में दो-दो से तीन-तीन महीने या कभी-कभी तो 6 महीने में लग जाते हैं. जिले का पासपोर्ट दफ्तर बेहाल है. पहली नजर में देखने पर कोई यह नहीं कहेगा कि यह पासपोर्ट दफ्तर है उन्हें लगेगा यह कोई स्टूडियो है जहां फोटोग्राफी होती होगी. दूसरी बात यह इसे बिलासपुर से 10 किमी दूर राज किशोर नगर बनाया गया है, जो आउटर में है. यहां दफ्तर का पता पूछते भटक कर पहुंचने वाले लोगों को कई तरह की दिक्कतें हो रही हैं. ना तो यहां ठीक तरह से कुर्सियां है और ना ही पीने को पेयजल. सबसे ज्यादा दिक्कत तो तब होती है जब पासपोर्ट के लिए आवेदन करने वाले लोगों को छोटी-मोटी समस्या के लिए रायपुर का सफर कराया जाता है, क्योंकि बिलासपुर में पासपोर्ट का सिर्फ आवेदन होता है बनता नहीं है और रिपोर्ट के मुताबिक हर दिन 50 लोग इस एक कमरे के दफ्तर में वेरिफिकेशन करने पहुंचते हैं. यहां उनके वेरिफिकेशन के बाद बिलासपुर से 120 किलोमीटर दूर रायपुर को वह आवेदन भेजा जाता है, और यदि उसे आवेदन में नाम पति या किसी भी तरह से त्रुटि हुई तो आवेदक रायपुर जाकर इस सुधनवा सकता है कुल मिलाकर लोग स्थाई पासपोर्ट दफ्तर की मांग कर रहे हैं जो उन्हें 6 साल बाद नहीं मिला है. राजकिशोर नगर के जी दफ्तर में पासपोर्ट दफ्तर चल रहा है वहां खुद कर्मचारियों के ठीक से बैठने की सुविधा नहीं है और एक छोटे से कमरे में स्टूडियो के जैसा दिखने वाला यह दफ्तर बुरी तरह समस्याओं का शिकार है.

सुरक्षा मंत्रालय से जुड़ा मामला, इसलिए और गंभीर

बिलासपुर का पासपोर्ट दफ्तर सीधे केंद्र के सुरक्षा मंत्रालय से जुड़ा हुआ है. साल 2018 में राजकिशोर नगर स्थित इस दफ्तर की बुनियाद इसलिए रखी गई थी कि लोगों को पासपोर्ट के लिए भटकना नहीं पड़े और उनका काम जल्द हो लेकिन इसके विपरीतएक छोटी सी त्रुटि के लिए 15 से 20 दिन उसे सुधारने में लगते हैं और उन्हें रायपुर जाकर ही यह काम करवाना पड़ता है. मार्कशीट की त्रुटि हो या फिर आधार या पैन कार्ड में नाम परिवर्तन. मात्र की गलती हो या नाम के सरनेम में गड़बड़ी इस तरह की छोटी-मोटी समस्या के लिए बिलासपुर से रायपुर जाना लोगों की मजबूरी बन गई है.

ये भी पढ़ें- कांग्रेस नेता राजेंद्र शुक्ला के घर पहुंचे नेता प्रतिपक्ष चरण दास महंत, बोले – CBI को कुछ नहीं मिला

लोग बोले – पहले दफ्तर तो मिल जाए

लोगों का कहना है कि पासपोर्ट दफ्तर के लिए पहले बिलासपुर में किसी ठीक जगह पर दफ्तर बन जाए तो बात बने, क्योंकि यहां तो बैठने की जगह नहीं है गाड़ी पार्किंग को लेकर आए दिन मोहल्ले वालों से पासपोर्ट दफ्तर के कर्मचारियों का विवाद होता है क्योंकि यह एक कॉलोनी का हिस्सा है और उसी घर में पासपोर्ट और डाकघर संचालित हो रहा है कुल मिलाकर जो लोग यहां अपना काम करने आते हैं वह गाड़ी सड़क पर छोड़ देते हैं और यहां स्कूल की बसें फंस जाती है कभी एंबुलेंस तो कभी कुछ और समस्या आती है. यही कारण है कि लोग पासपोर्ट दफ्तर के लिए मांग कर रहे हैं.

थोड़ी बहुत समस्या है, दूर करने में लगे हैं

पासपोर्ट दफ्तर के वेरिफिकेशन अधिकारी गोविंद गुप्ता का कहना है कि जिस तरह से लोगों की शिकायतें आ रही है उसे सुलझाने का प्रयास किया जा रहा है हालांकि उनका कहना है कि इस दफ्तर में उन्हें ज्यादा परेशानी नहीं है लेकिन उनका भी मानना है कि दफ्तर थोड़ा बड़ा होना चाहिए और लोगों के बैठने की ठीक तरह से व्यवस्था भी होनी चाहिए, उन्होंने बताया कि पहले भी दफ्तर को सुधारने की पहल हुई है लेकिन नए दफ्तर नहीं मिल पाया है, और यही कारण है कि यह दफ्तर साल 2018 से राजकिशोर नगर में संचालित हो रहा है.

Exit mobile version