Chhattisgarh News: भारत में छत्तीसगढ़ राज्य को धान का कटोरा कहा जाता है, लेकिन धान के कटोरा कहे जाने वाले इस राज्य के किसान काफी परेशान है, मौसम की बेरुखी ने किसानों की चिंता बढ़ती है छत्तीसगढ़ में इस वक्त धान की खेती करने का समय है, लेकिन बारिश नहीं होने की वजह से किसान धान की खेती नहीं कर पा रहे हैं. जो किसान धान की खेती कर रहे हैं. वह ट्यूबवेल का सहारा ले रहे हैं. किसानों का कहना है कि अगर अब भी बारिश नहीं हुई तो उनकी फसल पूरी तरह से बर्बाद हो जाएगी और हम भी बर्बाद हो जाएंगे विस्तार न्यूज़ संवाददाता दिलीप शर्मा ने खेतों में जाकर किसानों से बातचीत की और उनकी परेशानियों को समझा.
बारिश नहीं होने से सूखे पड़े खेत
दुर्ग के नगपुरा गांव पहुंची तो देखा कुछ महिलाएं खेत में धान का रोपा लग रहे थे, किसान धान की खेती कर रहे थे, जब खेतों में विस्तार न्यूज की टीम पहुंची तो हमारी टीम ने देखा कि खेत में ट्यूबवेल के सहारे पानी पहुंचाया जा रहा है, और खेतों की जुताई की जा रही है. विस्तार न्यूज़ की टीम ने खेतों में काम कर रहे हैं. किसान संतोष साहू से बातचीत की तो उन्होंने बताया कि बारिश नहीं होने की वजह से हम खेतों की मताई नहीं कर पा रहे हैं, पूरा खेत सूखा पड़ा हुआ है. ट्यूबवेल के सहारे हम खेतों में पानी पहुंचा रहे हैं उसके लिए भी किसान आपस में लड़ाई झगड़ा कर रहे हैं, अगर समय पर बारिश नहीं हुई तो उनकी पूरी फसल बर्बाद हो जाएगी और वह भी बर्बाद हो जाएंगे अब तो सिर्फ उन्हें भगवान का सहारा है समय पर बारिश हो जाए तो उनकी बर्बादी रुक सकती है.
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किसानों को फसल बर्बाद होने का डर
खेतों में हमारी टीम आगे बढ़ी तो देखा कि कुछ महिलाएं बैठकर खाना खा रही है उनसे भी हमारी टीम ने बातचीत की तो उन महिलाओं का कहना है की बारिश नहीं होने की वजह से वह काफी परेशान है, ट्यूबवेल के सहारे पानी लाकर किसी तरह से रोपा लगा रहे हैं, लेकिन अगर बारिश नहीं हुई तो उनकी पूरी फसल बर्बाद हो जाएगी कई सारे ऐसे खेत है जो सुख पड़े हुए हैं बारिश नहीं होने की वजह से उसे खेतों में ट्रैक्टर और हल नहीं चलाया जा सका है क्योंकि जमीन गिला नहीं हुई है जमीन गिला नहीं होने की वजह से जो धारा लग चुके हैं धान के फसल है उसे समय पर अगर बुवाई उनकी नहीं की गई तो फिर इस साल का सारी फसल बर्बाद हो जाएगी और हम भूखे मर जाएंगे.
मोटर पंप से कर रहे सिंचाई
हमने खेत के मेढ़ के सहारे फिर आगे का रुख किया तो सामने हमें एक ट्रैक्टर दिखा जो खेत मे हिमांशु जमीन को उर्वरक में बदलने का काम कर रही थी यानी जो खरपतवार जो जंगली घास है उसे हटाया जा रहा था खेत में पानी लबा लब था. खेत के किस गोविंदा निषाद से हमने बातचीत की तो उन्होंने बताया सर हम मोटर पंप के सहारे यहां पर पानी ला रहे हैं बारिश नहीं होने की वजह से कई ऐसे खेत है जो सूखे पड़े हुए हैं लेकिन क्या करें हमें खेती तो करनी है पंप के सहारे अभी पानी लेकर हम आ रहे हैं लेकिन समय पर अगर बारिश नहीं हुई तो हमारी सारी फसल खराब हो जाएगी और हम बर्बादी के कार पर खड़े हो.