Chhattisgarh News: बस्तर में लगातार हो रही बारिश के चलते सुकमा जिले और कोंटा में बाढ़ के हालात बन गए हैं. शबरी और गोदावरी नदी का जलस्तर बढ़ने लगा और नालों के पानी से छत्तीसगढ़ का आंध्रप्रदेश, तेलंगाना से भी संपर्क मार्ग टूट चुका है. कल सुबह 8 बजे कोंटा से 20 किमी पहले एर्राबोर और इंजराम नाले में उफान आने के कारण यातायात ठप हो गया. दो राज्य को जोड़ने वाला एनएच 30 में पानी आने से सड़क भी बंद हैं. लगातार हो रहीं बारिश से कोंटा में भी बाढ़ के हालत की अंदेशाजताया जा रहा हैं. प्रशासन भी वार्ड नंबर 15 और 14 में बाढ़ को लेकर एलर्ट जारी किया और घुम-घुम लोगों को चेतवानी देते हुए सुरक्षित जोन में जाने की अपील की है. 15 जुलाई 2022 में आयी बाढ़ के बाद से ही स्थानीय लोगों में दहशत तो पहले से ही हैं लेकिन तेज़ी से बढ़ता नदी का पानी देख लोग भी परेशान और डरे हुए हैं. फिर इस बार ऐसे ही हालत सोचकर लोग सहमे हुए हैं.
बाढ़ जैसे हालात, अन्य राज्यों का संपर्क मार्ग भी टूटा
एर्राबोर में सड़क जाम में लगे लोगों को सुबह से कुछ खाने नहीं मिला भूखे पेट शाम तक गुजरा किया गया अब रात को बात क्या होगी. अधिकारियों ने बताया कि लगातार बारिश और ऊपरी इलाकों से भारी मात्रा में पानी आने के कारण शबरी नदी भी उफान पर है, जिससे सामान्य जनजीवन ठप हो गया है और सड़क परिवहन बाधित हो गया है, क्योंकि नदियां और नाले उफान पर हैं, जिससे दूरदराज के गांवों से भी सड़क संपर्क टूट गया है. नदी नालों में पानी भरने से छोटे किसानों के खेत भी जलमग्न हो गए हैं. उधर आंध्र प्रदेश के राजमुंदरी में भी गोदावरी नदी उफान पर है. डोवलेश्वरम कॉटन बैराज में जलस्तर 12.7 फीट तक पहुंच गया है पोलावरम पडैम भी भरने को हैं. इसके परिणामस्वरूप 3.40 लाख क्यूसेक पानी समुद्र में छोड़ा जा रहा है. पूर्वी गोदावरी जिले के कई इलाकों में भारी बारिश हुई। करीब 6,500 एकड़ कृषि क्षेत्र जलमग्न हो गए हैं.
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एंबुलेंस में शव, सुबह से खड़ी गाड़ी आने लगी बदबू
एर्राबोर नाले के पास फंसे एक एंबुलेंस में शव हैं जिसे तमिलनाडु से कोरबा ले जाया जा रहा हैं एंबुलेंस चालक ने बताया एक्सीडेंट में कोरबा निवास 6की मौत हुई. जिसे पोस्टमार्टम कराकर ले जाया जा रहा हैं, हम 18 तारीख़ को तमिलनाडु से निकले हैं, कोरबा में परिजन परेशान और इंतेज़ार में हैं कि उनका बेटे का शव गांव पहुंचेगा. यहां एंबुलेंस प्रदेश में घुसते ही सुबह 9 बजे से खड़ा हैं. शव से गंध भी आने लगी हैं. प्रशासन भी देर शाम तक शव वाहन (एंबुलेंस) को बाहर निकालने जुटी हैं. शायद पानी का बहाव कम हो और एम्बुलेंस को बाहर निकाला जाए.
ट्रक में ड्राइवरों का खाना पीना
हालात को देखते हुएं ट्रकों को रोका गया. एक लंबी कतार इस पार और उस पार हैं. भारी बारिश और पानी के अभाव में ट्रक ड्राईवर भी परेशान हैं. ट्रक के अंदर नाले के पानी से खाना बना रहे और पानी कम होने का इंतजार कर रहे हैं.