Vistaar NEWS

Chhattisgarh: दुर्ग में आंधी तूफान से बिजली के की खंभे गिरे, बिजली विभाग ने दिखाई मुस्तैदी, अंधेरे से मिली लोगों को राहत

Chhattisgarh News

आंधी तूफान में गिरे पेड़-खंभे

Chhattisgarh News: मौसम बदलने के कारण दुर्ग जिले में आए आंधी-तूफान से लगभग 2 दर्जन स्थानों पर पेड़ों की शाखाएं बिजली लाइनों पर गिर गई थी. हवा के वेग से बिजली के खंभे सहित वितरण तंत्र में ब्रेक-डाउन का गहरा असर हुआ था. इस व्यवधान को विद्युत कर्मियों ने चंद घंटों में ही ठीक कर दिया और विद्युत आपूर्ति सामान्य कर दी जिसके कारण रात का अंधेरा गहराने के पहले ही बिजली की रोशनी लौट आई.

सीएम साय ने छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत कंपनियों को दिए निर्देश

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत कंपनियों को सुशासन के लिए प्रेरित करते हुए स्पष्ट निर्देश दिए है कि जनहित से जुड़े विषयों और सेवाओं पर पूरी तत्परता से ध्यान देना है. इसके अनुपालन में विद्युत कंपनियों के अध्यक्ष पी. दयानंद तथा एम.डी. पारेषण ववितरण राजेश कुमार शुक्ला ने मैदानी अमले को विशेष हिदायतें दी है. यही वजह है कि 2 जून 2024 की दोपहर दुर्ग के उत्तरी क्षेत्र में जब आंधी-तूफान से क्षेत्र के सभी फीडर ट्रिप हो गए. तब दुर्ग के विद्युत कर्मियों ने तत्काल मोर्चा संभाला. लगभग 2 दर्जन स्थानों पर पेड़ों की शाखाएं टूटकर एच.टी. तथा एल.टी. लाइनों पर गिर गई थी. जिन्हें खोजकर हटाया गया, साथ ही 6 बिजली खंभे, 33 के.व्ही. क्षमता का 1 नग, 11 के.व्ही. क्षमता के 5 नग, सहित अनेक फीडर ब्रेक-डाउन का शिकार हो गए.

ये भी पढ़ें- बीजेपी के चुनाव प्रबंधन समिति की हुई बैठक, संगठन ने पार्टी और प्रत्याशियों के कमिटमेंट को पूरा करने के दिए निर्देश

कई ट्रांसफार्मरों के फ्यूज उड़े, बिजली विभाग ने मुस्तादी से किया काम

इस घटना से 73 ट्रांसफॉर्मर के डी.ओ. फ्यूज उड़ गए तथा 123 ट्रांसफॉर्मरों के एल.टी. फ्यूज पिघल गए थे. नेहरू नगर, कोहका तथा वैशाली नगर जोन की विद्युत आपूर्ति सर्वाधिक प्रभावित हुई थी. सीमित संख्या में उपलब्ध मानव संसाधन के रणनीतिक उपयोग के द्वारा तथा निकटस्थ उपलब्ध कार्यालयों के लाइन स्टॉफ की मदद से विद्युत आपूर्ति सामान्य करने का कार्य प्रारंभ किया गया. 617 फ्यूज ऑफ कॉल कम्प्लेन दर्ज की गयी थी. पहले सभी 11 के.व्ही. फीडर्स को सेक्शनलाइज कर अधिकतम क्षेत्र चालू किया गया उसके पश्चात फाल्ट दुरुस्त कर शेष लाइन भी चालू की गयी. नेहरू नगर तथा कोहका जोन में डी.ओ. फ्यूज/एल.टी. फ्यूज बनाने हेतु समीप के जवाहर नगर जोन एवं एच.टी. मेंटेनेंस, दुर्ग के कर्मचारियों की सहायता से अतिरिक्त गैंग बनाकर तथा फ्यूज ऑफ कॉल ठेकेदार से अतिरिक्त गैंग लेकर सीमित समयसीमा में दुरुस्तीकरण की कार्यवाही की गयी. जोन के सहायक यंत्री, कनिष्ठ यंत्री अपने साथ एक-एक तकनीकी कर्मचारी को लेकर अलग-अलग लाइनों में विद्युत व्यवधान को दूर किया गया. कोहका जोन के गौतम नगर में ट्रांसफॉर्मर फेल के कारण विद्युत व्यवधान हुआ. जिसे रात के 8ः30 बजे तक ट्रांसफॉर्मर बदलकर सामान्य किया गया. ज्यादातर उपभोक्ताओं को 2 घंटे में राहत मिल गई थी, वहीं बड़े फॉल्ट को भी रात्रि 8 बजे तक ठीक कर दिया गया.

आपदा प्रबंधन में विद्युत कर्मियों को सहयोग करने की अपील

छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत पारेषण तथा वितरण कंपनी के एम.डी. राजेश कुमार शुक्ला ने बताया कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय व प्रदेश के ऊर्जा सचिव तथा छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत कंपनियों के अध्यक्ष पी. दयानंद द्वारा राज्य मुख्यालय स्तर पर लगातार मॉनीटरिंग की जा रही है. विद्युत कंपनी प्रशासन ने जनता से यह अपील की है कि किसी भी स्थान पर ऐसी परिस्थितियों में धैर्य रखें क्योंकि सुधार और आपूर्ति बहाली का कार्य मानवीय श्रम से ही संभव होता है. विद्युत कंपनी प्रशासन ने आम जनता से निवेदन किया है कि आपदा से निपटने तथा विद्युत आपूर्ति सामान्य करने में विद्युत कर्मियों को सहयोग प्रदान करें. विद्युत संचालन-संधारण की कार्यदशाओं और विपरीत मौसम में होने वाले जोखिम को भी ध्यान में रखा जाना चाहिए, ताकि चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में कार्य करने के लिए उनका मनोबल बना रहे. विद्युत का पारेषण तथा वितरण तंत्र खुले में रहता है, जिसके कारण इस पर प्राकृतिक आपदा का, तेज आँधी-तूफान, बिजली चमकने-गिरने, बहुत तेज बारिश होने का असर होता है. बिजली के करंट से जनहानि बचाने के लिए ऑटोमेटिक ट्रिपिंग की व्यवस्था भी होती है इसलिए ऐसे समय में विद्युत उपभोक्ताओं का धैर्य ही सुधार कार्य करने वालों का संबल होता है.

Exit mobile version