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Chhattisgarh: मुआवजा देने से किसी व्यक्ति की कमी पूरी नहीं हो सकती, सड़क हादसे रोकने की जरूरत – हाई कोर्ट

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छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट

Chhattisgarh News: हाई कोर्ट ने सड़क हादसों के मामले पर कहा कि मुआवजा देने से किसी व्यक्ति की कमी पूरी नहीं हो सकती है, शासन को चाहिए कि वह सड़क दुर्घटनाएं रोकने के लिए आवश्यक उपाय करे. उन्होंने आगे कहा कि जब परिवार में कमाने वाला कोई व्यक्ति मर जाता है, तो उस व्यक्ति की कमी को पूरा नहीं किया जा सकता. आश्रितों और समग्र परिवार के जीवन में शून्यता पैदा हो जाती है, और परिवार बर्बाद हो जाता है.

सड़क दुर्घटनाओं को रोकने का उपाय करे शासन – हाईकोर्ट

हादसे रोकने की जरूरत बताते हुए हाई कोर्ट ने कहा कि संभावनाओं और उपायों को लागू करना चाहिए. जिनसे सड़क दुर्घटनाएं रुक सकती हैं. सर्वोच्च न्यायालय ने बार-बार इस पर संज्ञान लिया है. साथ ही विभिन्न दिशा-निर्देश भी जारी किए गए हैं कि, राज्य और संबंधित अधिकारियों को क्या कार्रवाई करनी चाहिए.

बता दें है कि, पिछले दिनों कवर्धा हादसे में 19 लोगों की मौत पर सुनवाई के दौरान राज्य शासन ने मुआवजे की जानकारी दी. शासन की ओर से बताया गया कि, दुर्घटना में मृतक के परिवार को 5 लाख और घायल को 50 हजार रुपये का भुगतान मुआवजे के रूप में किया गया है.

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शराब पीने का नतीजा

चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच ने यह भी कहा कि, अधिकांश जो दुर्घटनाएँ घटी थी, वे शराब पीने का नतीजा थी. राजमार्गों के किनारे अधिकांश रेस्तरां और ढाबों पर आने-जाने वाले लोगों को शराब परोसी जा रही है, यह बहुत ही चिंताजनक स्थिति है.

कवर्धा में हुए पिकअप हादसे के बाद 19 लोगों की मृत्यु के मामले में भी हाई कोर्ट गंभीर है और उन्होंने मामले को संज्ञान में लिया है. बड़ी बात यह है कि उन्होंने कवर्धा कलेक्टर के अलावा इस मामले से जुड़े सभी अधिकारियों से सड़क दुर्घटना में उपाय को लेकर जानकारी मांगी है. इसके अलावा केंद्र की एनएचआई को भी नोटिस जारी किया गया है. कुल मिलाकर सड़क पर हादसे को लेकर फिलहाल अदालत गंभीर है, और उन्होंने केंद्र और राज्य दोनों से सड़क सुरक्षा को लेकर क्या उपाय किए जा रहे हैं इस बात की जानकारी मांगी है साथ ही पूछा है कि क्या सड़क पर दुर्घटना से बचाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का अमल किया जा रहा है? सरकार को आने वाली पेशी के दौरान इन सारे सवाल का जवाब देना है.

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