Chhattisgarh News: सरगुजा जिले के नवानगर स्थित स्वास्थ्य केंद्र में स्वास्थ्य कर्मचारियों के लापता रहने की वजह से एक गर्भवती महिला ने जमीन पर ही बच्चे को जन्म दे दिया. मितानिन उसे सुरक्षित प्रसव के लिए स्वास्थ्य केंद्र तक लाई थी, लेकिन स्वास्थ केंद्र से नर्स और अन्य स्वास्थ्य कर्मचारी लापता थे. इस पर मितानिन ने गांव के दाईयों सहित अन्य लोगों को बुलाकर प्रसव कराया.
अस्पतालों में स्वास्थ्य व्यवस्था बदहाल
परिजनों ने बताया कि स्वास्थ्य कर्मचारियों को फोन किया गया लेकिन मौके पर वे नहीं पहुंचे. प्रसव के बाद भी महिला की हालत बिगड़ने लगी तब जाकर स्वास्थ्य कर्मचारी मौके पर पहुंचे वही इस पूरी लापरवाही पर नाराज मितानिन राजकुमारी ने बताया कि वह पहले भी स्वास्थ केंद्र में गर्भवती महिलाओं को सुरक्षित प्रसव के लिए लेकर आती रही है लेकिन यहां स्वास्थ्य कर्मचारियों के लापरवाही पहले भी देखने को मिली है और जब वह स्वास्थ कर्मचारियों को व्यवस्था सही रखने कहती है, तो उन्हें स्वास्थ्य कर्मचारियों के द्वारा डांट फटकार लगाई जाती है.
छत्तीसगढ़ के सभी स्वास्थ्य केंद्रों और सामुदायिक स्वास्थ्य केदो में सुरक्षित प्रसव के लिए पूरी व्यवस्था स्वास्थ्य विभाग ने दुरुस्त रखने के निर्देश दिए हैं, ताकि ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को सुरक्षित प्रसव का लाभ मिल सके और मातृ व शिशु मृत्यु दर कम हो सके, लेकिन मैदानी स्वास्थ्य अमला की लापरवाही की वजह से व्यवस्था दुरुस्त नहीं हो सका है.
गर्भवती महिला ने जमीन पर ही बच्चे को जन्म
मितानिन राजकुमारी ने बताया कि उसके द्वारा नवानगर गांव से प्रियावती पैकरा 25 वर्ष को प्रसव के लिए स्वास्थ्य केंद्र लाया गया था. वह स्वास्थ्य केंद्र में सुबह 9:00 बजे पहुंची थी और 9:30 बजे महिला ने जमीन पर नवजात को जन्म दिया. ऐसी लापरवाही सरगुजा जिले में पहले भी कई बार देखने को मिली है लेकिन इस व्यवस्था को जिम्मेदार दुरुस्त नहीं कर पा रहे हैं, क्योंकि लापरवाह स्वास्थ्य कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई नहीं की जाती है. कई ऐसे स्वास्थ्य केंद्र हैं जहां पर स्वास्थ्य कर्मचारी नहीं रहते हैं और उनके द्वारा 25 से 30 किलोमीटर दूर से आकर ड्यूटी किया जाता है. यही कारण है कि आपातकाल में लोगों को सही स्वास्थ्य सुविधा नहीं मिल रही है और ऐसे में मरीजों की जान संकट में रहती है. अब देखना होगा कि नवानगर स्वास्थ्य केंद्र में हुए इस लापरवाही पर आखिर दोषी स्वास्थ्य कर्मचारियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की जाती है या फिर नोटिस जारी कर खाना पूर्ति किया जाता है और व्यवस्था जिसकी तरह बनी रहती है.