Chhattisgarh: सरगुजा के अभयारण्य और जंगलों में जल स्रोत सूखने से हाथियों को नहीं मिल रहा चारा-पानी, DFO बोले- कोई समस्या नहीं

Chhattisgarh News: सरगुजा संभाग की अलग-अलग जिलों में 100 से अधिक जंगली हाथी विचरण कर रहे हैं, और भीषण गर्मी की वजह से जंगलों के कई नदी नाले और तालाब सूख गए हैं. इसकी वजह से उन्हें पीने के लिए पानी नहीं मिल पा रहा है.
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सरगुजा में हाथी

Chhattisgarh News: सरगुजा संभाग की अलग-अलग जिलों में 100 से अधिक जंगली हाथी विचरण कर रहे हैं, और भीषण गर्मी की वजह से जंगलों के कई नदी नाले और तालाब सूख गए हैं. इसकी वजह से उन्हें पीने के लिए पानी नहीं मिल पा रहा है हालांकि पिछले दिनों वन विभाग के अधिकारियों ने इसे लेकर एक बैठक की और बताया गया कि अभ्यारण क्षेत्र में स्थित जल स्रोतों में पानी की कमी नहीं है और हाथियों को पर्याप्त चारा और पानी मिल रहा है वहीं स्थानीय लोगों का कहना है कि जंगलों में जल स्रोत सूख चुके हैं और हाथी शाम होते ही पानी और चार के लिए गांव की ओर रुख कर रहे हैं.

जल स्रोत सूखने से हाथियों को नहीं मिल रहा चारा-पानी

सरगुजा संभाग में बादल खोल अभ्यारण, सेमरसोत अभ्यारण, तैमोर पिंघला अभ्यारण व गुरू घासी दास नेशनल पार्क है. हाथियों के अलग-अलग झुंड बिछड़ कर रहे हैं इसके अलावा सामान्य जंगलों में भी हाथियों का दल बिछड़ कर रहा है लेकिन उन्हें पर्याप्त चारा और पानी उपलब्ध नहीं हो पा रहा है इससे परेशान हाथी इधर-उधर भटक रहे हैं और शाम ढलते ही बस्तियों की ओर पहुंच जा रहे हैं पिछले दिनों हाथियों ने मैनपाट क्षेत्र में कई मकानों को तबाह किया और फसलों को भी नुकसान पहुंचा वहीं कुछ दिन पहले सूरजपुर क्षेत्र में एक हाथी की मौत हो गई, तो एक दूसरे हाथी ने एक व्यक्ति को कुचलकर मार डाला.

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डीएफओ बोले- चारा पानी की कोई समस्या नहीं

दूसरी तरफ जंगल में चारा पानी नहीं मिलने की बात पर डीएफओ श्री निवास तनेटी क्या कहना है कि 30 मई को उन्होंने सेंचुरी क्षेत्र के अधिकारियों की बैठक ली और यह बात सामने आई कि हाथियों के लिए सेंचुरी क्षेत्र में पर्याप्त चारा पानी है वहीं सेंचुरी क्षेत्र में 60- 70 हाथी विचरण कर रहे हैं और उन्हें किसी तरीके से कोई परेशानी नहीं है. दूसरी तरफ गुरु घसीदास नेशनल पार्क के एक नदी के किनारे सात हाथियों का झुंड पिछले कई दिनों से बिछड़ कर रहे हैं क्योंकि वहां पर पानी की उपलब्धता है, इसकी वजह से हर साल हाथी नदी के किनारे पहुंच जाते हैं और गर्मी के मौसम में वहीं पर रहते हैं. हथनी ने यहां एक सावक को भी जन्म दिया है.

सरगुजा संभाग में हाथियों के संरक्षण के लिए जंगलों में पानी और चार की उपलब्धता के लिए हर साल करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे हैं, लेकिन इसके बाद भी जंगलों में हाथियों सहित दूसरे जीव जंतुओं के लिए पानी और चार की समस्या बढ़ रही है वहीं अधिकारियों का कहना है कि हाथी चारा पानी की कमी की वजह से जंगलों से बाहर नहीं आ रहे हैं बल्कि यह उनका विचरण क्षेत्र है हाथियों के विचरण क्षेत्र के जंगलों को लोगों ने काटकर घर मकान बना लिया है, इसकी वजह से ऐसी स्थिति बन रही है.

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