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Chhattisgarh: दुर्ग के इस गांव में लोगों ने पेड़ों को बनाया अपना रिश्तेदार, पेड़ों का अपनों की तरह रखते है ख्याल

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पेड़ों की पूजा करते गांव के लोग

Chhattisgarh News: दुर्ग जिले के शिवनाथ नदी के तट पर बसा एक छोटा सा पीसेगांव है, जहां के लोगों पेड़ों से अनोखा रिश्ता रखते हैं. किसी ने पेड़ को अपना पति, तो किसी ने अपनी मां बना लिया है. इन पेड़ों से ये रोज मिलने आते हैं. उनकी पूजा करते हैं. गले लगाकर दिल की बात कहते हैं और अपनी परेशानी भी बताते हैं. यही नहीं घंटों इन पेड़ों के पास बैठकर अपने परिजनों के होने का अहसास करते हैं. दुर्ग जिले से एक अनोखी खबर सामने आ रही है.

यहां पेड़ों को लोगों ने बनाया रिश्तेदार

दुर्ग जिले मुख्यालय से 15 किलोमीटर दूर पीसेगांव है,वहां के लोग पेड़ों को अपने रिश्तेदार बना लिया हैं, किसी ने पड़े को अपना पति,तो किसी ने अपनी मां,किसी ने तो बहन बना लिया हैं. इन पेड़ों से रोज मिलने आते हैं और बात करते हैं. अपनों को खोने का दर्द और उसके नहीं होने की पीड़ा जीवन भर रहती है. ऐसे में यहां के लोग अपनों को खोने के बाद उनकी स्मृति में उनके नाम से पौधा लगाते हैं और देखभाल करते हैं.

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ऐसी ही एक अनोखा कहानी है. 55 साल की कुमारी बाई देशमुख की. जिन्होंने पति स्व. कन्हैया लाल की याद में एक नीम का पौधा लगाया है. उसे वह अपने पति की तरह मानती हैं. रोज सुबह पेड़ की पूजा करने जाती है. कुछ घंटे उसके पास बैठकर मन की बातें भी करती हैं. ऐसी ही एक दूसरी दर्दभरी कहानी है मधु देशमुख की. बचपन में इनकी मां लक्ष्मी देशमुख का निधन हो गया है. बिना मां के पली-बढ़ी मधु को हमेशा उसकी मां की याद सताती थी. वह जंजगिरी से शादी होकर पीसेगांव आई. एक दिन उसे इस अनोखी परंपरा का पता चला तो उसने भी अपनी मां की याद में मधुकामीनि पौधा लगाया. अब वह काफी बड़ा हो गया है. वहीं प्रेरणा साहू ने बताया कि चौथी क्लास से ही मैं यहां के बुजुर्ग बड़े पापा वह पेड़ लगाते मैंने देखा था उसके बाद धीरे-धीरे मैं भी पेड़ लगाना शुरू किया मैंने भी अपने परिवार के सदस्यों के नाम पर पेड़ लगाया है हर रोज आकर पेड़ का पूजा कर थोड़ी देर बैठकर समय बिताती हूं और समय बिताना मुझे बहुत अच्छा लगता है.

लोग अपनों की तरह रखते है पेड़ों का ख्याल

वहीं सतीश सिंह ने बताया कि हम परिवार के साथ हर रोज पेड़ की देखभाल के लिए आते हैं लोगों से निवेदन करते हैं कि हर कोई लगाए और उस पेड़ की देखभाल भी की जाए. जाए पेड़ तो लोग काट देते हैं, लेकिन लगते नहीं है, इसे प्रकृति के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं, लोगों को पेड़ लगाने के लिए हमेशा आगे आना चाहिए. अब तक मैं लगभग एक हजार से अधिक लोगों ने पौधा लगाया है और उसकी देखभाल भी नियमित कर रहे हैं.

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