Chhattisgarh: बिलासपुर में भू- माफियाओं ने नहर पर अवैध कब्जा कर रखा है. कहीं स्कूल, कहीं सड़क, कहीं दुकान तो कहीं मकान बन रहे हैं. खारंग जलाशय योजना के तहत खुटाघाट से बिलासपुर तक बनी 50 साल पुराने नहर इस कब्जे का शिकार है. बड़ी बात यह है कि पिछले 20 से 30 साल से इस नहर में लोग पानी को तरस रहे हैं और कुल मिलाकर नहर के वजूद पर संकट खड़ा हो गया है लेकिन जल संसाधन विभाग इस पर ध्यान नहीं दे रहा है। इसके कारण हजारों एकड़ खेती प्रभावित है. राजस्व के अधिकारी भी मौन है. यही कारण है कि रसूखदारों ने अलग-अलग तरीके से अपने अपने फायदे को देखकर कब्जे का खेल कर रहे है.
जानिए कहां से हुई कब्जे की शुरुआत
बिलासपुर में बहतराई के बाद ब्रिलियंट पब्लिक स्कूल ने नहर की जमीन पर रास्ता बनाया हुआ है। इसके अलावा निखिल आश्रम के पास से खुटाघाट से मोपका चौक की 3 किलोमीटर नहर गायब हो चुकी है. इसका स्वरूप नाली के तौर पर हो गया है और इसी पर लोगों ने कब्जा कर रोड, सड़क और नाली बना दिया है. अब नहर में किसानों के खेतों के लिए पानी नहीं बल्कि लोगों के घरों से निकलने वाला डॉमेस्टिक वॉटर बहता है। साथ ही हसदेव बिहार के पास भी रोड निर्माण के लिए कब्जा किया गया है जिससे नहर का पूरा परिदृश्य बदल गया है.
गांवों में लोक निर्माण विभाग बना रहा सड़क, पानी को तरस रहे किसान
बिलासपुर में गुड़ी गांव के पास लोक निर्माण विभाग नहर के ऊपर बाउंड्री वॉल खड़ी कर सड़क तैयार कर रहा है, जो जल संसाधन विभाग की जांच रिपोर्ट में सामने आ चुका है. जल संसाधन विभाग में इसकी रिपोर्ट कलेक्टर को दी है. जिसमें बताया गया है कि लोग निर्माण विभाग ने नहर के ऊपर सड़क बनाकर हजारों किसानों को पानी से वंचित कर दिया है। यही कारण है कि उन्होंने इस पर फैसला लेने की बात कही है.
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बिल्डरों की मनमानी आम लोगों की परेशानी
बिलासपुर से खुटाघाट तक लगभग दो दर्जन से अधिक गांव बिलासपुर का हिस्सा बन चुके हैं। यही कारण है कि बिल्डर नेहरू के आसपास अवैध प्लाटिंग कर रहे हैं लोगों को गलत तरीके से बिल्डिंग बनाकर बेच रहे हैं। बिलासपुर में गीतांजलि सिटी नाम की एक कॉलोनी बनी है जहां के बिल्डर ने कई एकड़ सरकारी जमीन पर कब्जा कर रखा है जो की नहर के किनारे ही बसा हुआ है कुछ समय पहले जल संसाधन विभाग ने कुछ जमीनों को बिल्डर से मुक्त कराया था लेकिन दोबारा फिर से उन्हें जमीनों पर बिल्डर काबिज हो चुका है और लगातार नहर पर कब्जा कर रहा है.
जल संसाधन विभाग ने राजस्व विभाग को भेजी है सूची
जल संसाधन विभाग ने नहर पर कब्जे करने वालों की सूची राजस्व विभाग को भेजी है जिसमें बताया गया है कि किस तरह अवैध प्लाटिंग और घर मकान दुकान बनाने वाले बिल्डर लगातार उनकी जमीनों पर कब्जा कर रहे हैं.
1200 से अधिक कब्जे धारी
जल संसाधन विभाग की सूची को माने तो सिर्फ बिलासपुर में 500 से अधिक कब्जे धारी हैं. पिछले 8 महीने में डेढ़ सौ से अधिक लोगों ने नहर पर कब्जा जमा रखा है. इससे पहले भी नहर पर कब्जा होता आ रहा है जिसे राजस्व विभाग हटाने पर ध्यान नहीं दे रहा है. जिसके चलते ही जल संसाधन विभाग ने 1300 लोगों की लिस्ट बनाकर उन्हें हटाने की मांग की है. उनकी सूची में बड़े और रसूखदार लोगों के नाम है.
अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ होगी कार्यवाही – एसडीएम
मामले में बिलासपुर के एसडीएम पीयूष तिवारी का कहना है अवैध अतिक्रमणकारियों चाहे जहां भी हो खाली कराए जाएंगे. जिन्होंने भी सरकारी जमीन पर कब्जा किया है नहर की जमीन पर कब्जा किया है, या तालाब पर जमे हैं. उन्हें प्रशासन जल्द हटाने का काम करेगा. किसी भी तरह से यह कृत्य स्वीकार नहीं किया जाएगा.