Chhattisgarh: शादी के पहले महिला और पुरुष कराएं सिकल सेल की जांच- बोले सीएम विष्णु देव साय
Chhattisgarh News: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि सिकलसेल की जाँच और परीक्षण आवश्यक रूप से कराए. सिकलसेल एनीमिया की रोकथाम के लिए जागरूक होना आवश्यक है. विवाह के पूर्व सभी महिला और पुरुष को सिकलसेल की जांच कराए. दोनों सिकलसेल पीड़ित महिला पुरुष का विवाह नहीं कराए तभी बचा जा सकेगा.
सिकल सेल जागरूकता शिविर का हो आयोजन – सीएम विष्णुदेव
सीएम साय ने प्रदेश के आदिवासी समुदाय के लोगों को सिकल सेल एनीमिया से बचाने के लिए सिकलसेल जागरूकता शिविर आयोजित करने के निर्देश संबंधित विभाग के अधिकारियों को दिए है. विश्व सिकल सेल दिवस के अवसर पर छत्तीसगढ़ के सिकलसेल रोग से पीड़ित राज्य के आदिवासी समुदाय के लोगों के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों, उप स्वास्थ्य केन्द्रों, ग्राम पंचायतों तथा एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों, विभागीय छात्रावास, आश्रमों तथा अन्य विद्यालयों में सिकलसेल रक्त परीक्षण अवश्य कराए.
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मुख्यमंत्री साय ने कहा कि विश्व सिकलसेल दिवस के अवसर पर राज्य में सिकलसेल जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है और इस रोग से पीड़ित मरीजों जागरूक कर 2047 तक इस बीमारी को प्रदेश से समाप्त करना है. मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य के आदिवासी समुदाय के लोग सिकलसेल एनीमिया से ज्यादातर पीड़ित हैं. इन पीड़ित मरीजों के लिए आदिवासी क्षेत्रों बस्तर, बलरामपुर-रामानुजगंज स्वास्थ्य विभाग और आदिम जाति विकास विभाग के सहयोग से जागरूकता शिविर का प्रदेश के अधिक से अधिक सिकलसेल एनीमिया से पीड़ित लोगों को लाभ लेने आग्रह किया जाएगा है.
2047 तक इस बीमारी को खत्म करने का रखा लक्ष्य
बता दें कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने प्रदेश में सिकल सेल के लिए राष्ट्रीय स्तर का रिसर्च सेंटर प्रारंभ करने के लिए केन्द्र सरकार को प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए हैं. सिकलसेल एनीमिया से बचाव के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं. मुख्यमंत्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य के 33 जिलों के लक्षित 1 करोड़ 77 लाख 69 हजार 535 सिकल सेल स्क्रीनिंग के विरूद्ध कुल 1 करोड़ 11 लाख 06 हजार 561 स्क्रीनिंग कर लिया गया है. इस परीक्षण में 1 करोड़ 06 लाख 24 हजार 245 स्क्रीनिंग निगेटिव पाए गए है. स्क्रीनिंग में 2 लाख 90 हजार 663 वाहक पाये गये हैं तथा 22 हजार 672 बीमारी प्राप्त हुई. प्रधानमंत्री भी इस बीमारी के प्रति गंभीर है और 2047 तक इस बीमारी को समाप्त करने का लक्ष्य है.