Chhattisgarh News: बिलासपुर में 7000 से ज्यादा लोग पिछले 15 से 20 साल से सरकारी आवास और मकान के लिए भटक रहे हैं, उन्हें उनके सपनों का आशियाना नहीं मिल पा रहा है. इनमें कई पीड़ित ऐसे हैं जिन्हें नगर निगम ने अवैध कब्जा कर लिया हैं. उनका मकान बुलडोजर से तोड़ दिया है तो कुछ फरियादी ऐसे हैं, जो मकान के लिए फॉर्म भरकर सिर्फ प्रक्रिया निभा रहे हैं और उन्हें छत नहीं मिल रही है. यही वजह है कि वह नगर निगम के अधिकारियों और उनके दफ्तरों का चक्कर लगाकर थक चुके हैं. फिर भी मकान की मांग जारी है.
हफ्ते भर पहले सरकंडा में चांटीडीह की रहने वाली एक महिला हाथ में पेट्रोल लेकर आत्मदाह करने कलेक्ट्रेट पहुंची थी. पुलिस वालों ने उसे ऐसा करने से रोक लिया और उसे उसकी पीड़ा पूछी गई. सामने आया कि नगर निगम ने उसका मकान तोड़ दिया है और उसे नया मकान नहीं मिला है और यही वजह है कि वह अब जीना नहीं चाहती हैं. इस घटना के बाद विस्तार न्यून ने जब पूरे मामले की पड़ताल शुरू की तो सामने आया कि इस तरह के लगभग 7000 से अधिक लोग मकान, आवास के लिए भटक रहे हैं. सबसे बड़ी बात यह है कि नगर निगम का सरकारी मकान 10 साल से अधूरा पड़ा है जिसे वे गरीबों के लिए आवास बनाने के तौर पर करेंगे. लेकिन फंड की कमी के चलते आधे अधूरे मकान गरीबों और जरूरतमंद को मुंह चिढ़ाते खड़े हुए हैं. बहतराइ रोड, सकरी रोड मंगला रोड या उसलापुर रोड पर खंडहर होते इन मकानों को बड़ी आसानी से देखा जा सकता है. फिर भी अधिकारियों का दावा है कि उनके यहां सब कुछ ठीक चल रहा है.
6000 मकान की फाइल दिल्ली में अटकी
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बिलासपुर में 6000 लोगों को मकान का पहली किस्त तो दे दिया गया है लेकिन दूसरे किस्त के लिए उन्हें चक्कर लगाना पड़ रहा है. यही कारण है कि आधी नींव और अधूरे मकान परेशानी का सबक बन चुके हैं और फिर भी अधिकारी उन फाइलों को बिलासपुर तक लाने में असफल नजर आ रहे हैं इसके चलते लगभग 6000 से अधिक लोगों का आधा अधूरा घर निर्माण कार्य और महंगे दोनों को बढ़ाते दिख रहा है.
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जहां मकान दिया, वहां भी रहना मुश्किल
नगर निगम के अधिकारियों ने हजारों गरीबों को आवास तो उपलब्ध करा दिया लेकिन वहां रहना उनके लिए दुभर हो गया है. असल में यहां बिजली सड़क नाली पानी जैसी बुनियादी सहूलियत का अभाव है और कहीं-कहीं तो हालत यह है कि नए मकान में दरारें और बारिश पानी के कारण सीलन जैसे हालात के बीच रहना उनके लिए दिक्कत बन गया है. यही कारण है कि वे मरम्मत की मांग कर रहे हैं. गंदगी बदबू और संक्रामक बीमारी के खतरे के बीच ऐसी जगह पर रखना उनकी मजबूरी बन गई है जहां कोई आधे घंटे भी ठहर न सके.
नगर निगम के उपायुक्त खजांची कुमार का कहना है जहां कहीं जो आवास को लेकर दिक्कत आ रही है उसे धीरे-धीरे पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है. गरीबों के आवास हो या प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत अलॉटमेंट जल्द सारा काम पूरा होगा और जरूरतमंदों को दिक्कत नहीं होगी. उनका कहना है कि नए मकान के लिए सर्वे कराया जा रहा है जो लोग छूट गए हैं उनका नाम जोड़ा जाएगा ताकि उन्हें किसी भी प्रकार की परेशानी ना हो उन्होंने बिलासपुर के लोगों को आश्वस्त किया है कि आवास को लेकर जो भी कमी है वह जल्द पूरी हो जाएगी.