Chhattisgarh news: कांग्रेस सरकार की ड्रीम प्रोजेक्ट राम वन गमन परिपथ का विष्णु देव सरकार सोशल ऑडिट करने जा रही है. विधायक अजय चंद्राकर की अध्यक्षता में विधानसभा में कमेटी बनाई गई है. इसकी घोषणा संस्कृति मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने की है.
दरअसल, विधानसभा बजट सत्र के पांचवें दिन प्रश्न काल के दौरान विधायक अजय चंद्राकर ने राम वन गमन पथ में कुछ ऐसे स्थानों को शामिल किए जाने पर अपत्ति जताई जहां भगवान राम गए ही नहीं थे. इस पर मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि योजना के तहत भगवान राम की जो मूर्तियां लगाई गई है. उसके स्वरुप को लेकर भी कई लोगों की आपत्ति है.
चंदखुरी में लगी मूर्ति भगवान राम जैसी दिखती है क्या ?- अजय
पूरे मामले में बीजेपी विधायक अजय चंद्राकर का बयान भी सामने आया है. उन्होंने कहा है कि छत्तीसगढ़ के इतिहास से छेड़छाड़ की किसी को अनुमति नहीं है, जिन कंपनियों को मूर्ति बनाने का काम दिए गए, उन्हें अनुभव नहीं है. चंदखुरी में लगी मूर्ति भगवान राम जैसी दिखती है क्या? किसी को भगवान राम के नाम पर पैसे खाने का हक नहीं है. छत्तीसगढ़ की संस्कृति के नाम पर कांग्रेस सरकार ने पैसा खाया है. सोशल ऑडिट के माध्यम से जनता के सामने सारे तथ्य रखेंगे.
क्या है राम वन गमन पथ ?
बता दें कि भगवान राम अपने वनवास काल के दौरान 10 साल छत्तीसगढ़ में बिताया था. ऐसे में जहां-जहां भगवान राम त्रेतायुग में समय व्यतीत किए हैं, उन स्थानों को पूर्व की कांग्रेस सरकार ने राम वन गमन परिपथ योजना के तहत डेवलप की थी. राम वन गमन पथ छत्तीसगढ़ में उन नौ स्थानों से गुजरी है, जहां भगवान राम से जुड़ी यादें है.
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इन जगहों में सीतामढ़ी-हरचौका (कोरिया), रामगढ़ (अंबिकापुर), शिवरी नारायण (जांजगीर-चांपा), तुरतुरिया (बलौदाबाजार), चंदखुरी (रायपुर), राजिम (गरियाबंद), सिहावा-साऋषि आश्रम (धमतरी), जगदलपुर (बस्तर) और रामाराम (सुकमा) शामिल हैं.
छत्तीसगढ़ की परंपरा को बदनाम करने की कोशिश कर रही भाजपा – शुक्ला
राम वन गमन परिपथ योजना को लेकर कांग्रेस के संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि 15 साल तक छत्तीसगढ़ में बीजेपी की सरकार थी लेकिन भगवान राम के नाम पर सिर्फ राजनीति करते थे. कुछ काम तो बीजेपी ने किया नहीं. कांग्रेस की सरकार छत्तीसगढ़ में रामकाज शुरू हुआ था. राम वन गमन पथ और पुन्नी मेला का सोशल सर्वे करना चाहिए.