Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ सरकार किसानों की आय बढ़ाने और खेतों को सिंचित करने के लिए हर साल सैकड़ों प्रोजेक्ट में अरबों रुपये खर्च कर रही है. लेकिन जल संसाधन विभाग के अफसरों की लापरवाही के कारण किसानों को उसका लाभ नहीं मिल रहा है. जिम्मेदार अफसर इसकी निगरानी नहीं रख पा रहे हैं.
अफसरों की लापरवाही किसानों पर भारी
दरअसल सरगुजा जिले के लखनपुर ब्लाक के पुटकुरा पंचायत में पहाड़ से 12 महीने बहने वाली नहीं खुरखुरी में डेम बनाया गया है. इसके बाद विभाग के इंजीनियर और अफसरों ने प्लान तैयार किया कि डेम के पानी को आसपास के पांच पंचायत के 3500 किसानों के करीब 8 हजार एकड़ खेतो को सिंचित किया जाएगा. अफसरों के प्लान को देखकर सरकार ने भी इसे स्वीकृति दे दी. इसके बाद अफसरों ने 15 करोड़ की लागत से डेम निर्माण के साथ पक्की नहर का निर्माण शुरू किया और एक जगह एकवा डक्ट बनाकर कुल 7 किलोमीटर लंबी नहर का निर्माण किया गया.
नहर में नहीं आया तो किसानों को हुआ करोड़ों का नुकसान
नहर का निर्माण ज़ब शुरू हुआ तो आसपास गांव ढोढा केसरा, बिनिया, अरगोती और पटकुरा के किसान बेहद खुश हुए और उम्मीद बढ़ी कि अब उनके खेत में अब वे बरसात में सिर्फ धान की खेती नहीं कर सकेंगे बल्कि रबी के मौसम में गेंहू और गर्मी के दिनों साग- सब्जियों की खेती करेंगे लेकिन नहर निर्माण के बाद उसमें डेम का पानी नहीं पहुंच पाया और इसके बाद किसानों के हाथो में मायूसी लगी. वहीं किसानों की बात को हर किसी ने अनसुना कर दिया. जबकि आठ हजार एकड़ खेत दो फसली हुआ होता तो किसानों को हर साल अतिरिक्त लाभ में प्रति एकड़ 50 हजार का फायदा होता. वहीं तब कुल 3500 किसानों को कम से कम 30-35 करोड़ का अतिरिक्त मुनाफा हुआ होता.पर नहर का किसानों को कोई फायदा नहीं हुआ.
कहां हो रही है गड़बड़ी
सात किलोमीटर लंबी नहर पूटकुरा गांव से शुरू होती है और वहां कई जगह नहर से पानी लीकेज हो रहा है और बेवजह पानी बह जा रहा है, इसके कारण पानी खेत में नहीं पहुंच रहा है. वहीं बरसात के दिनों में बरसाती पानी अनावश्यक किसानों के खेतो में बहकर आ जाता है. इससे भी बरसात के समय किसान परेशान होते हैं. बताया जा रहा है कि इस नहर का निर्माण विभाग द्वारा बिना टेंडर खुद विभाग द्वारा कराया गया था.
अफसर बोले-नहर ठीक कराकर खेतो तक पानी पहुंचाया जायेगा
इस मामले में जल संसाधन विभाग के कार्यपालक अभियंता अरूण मिश्रा से ज़ब इस प्रोजेक्ट के बारे में बात की गई तो उन्होंने कहा कि अभी ही उन्हें इसकी जानकारी मिली है. नहर खराब हुआ होगा तो उसे ठीक कराकर खेतो तक पानी पहुंचाया जायेगा. वहीं विभाग के एसडीओ रामकमल भगत कहते हैं कि पता करता हूं कि आखिर ये प्रोजेक्ट कहां पर है और इसे ठीक कराने कोशिश होगी.