Vistaar NEWS

Chhattisgarh: बिलासपुर में इलाज के अभाव में महिला की डायरिया से मौत, सिम्स प्रबंधन की लापरवाही से परेशान मरीज – कांग्रेस नेता शैलेश पांडेय

Chhattisgarh News

पूर्व विधायक शैलेश पांडेय

Chhattisgarh News: कांग्रेस नेता शैलेश पांडेय ने सिम्स प्रबंधन को लेकर कई सवाल उठाए है, उन्होंने कहा कि आये दिन सिम्स में इलाज न मिलने और कुप्रबंधन से किसी न किसी की मृत्यु हो जाती है, या फिर इलाज से असंतुष्ट मरीज़ हॉस्पिटल छोड़कर निजी हॉस्पिटल में चले जाते है और जिनके पास पैसा नहीं है वो मजबूरी में इलाज इलाज करवाते है.

सिम्स की व्यवस्था में कोई सुधार नहीं – शैलेश पांडेय

कभी टेस्ट नहीं हो रहे है कभी मशीन बंद है कभी डॉक्टर नहीं है बस रेफर रेफर का खेल चल रहा है, मरीज़ों को एंबुलेंस भी नहीं दे पायी है. बिलासपुर वासी कौशल परिवार की माता आज सिम्स की लापरवाही का शिकार हो गई और इलाज के अभाव से और हॉस्पिटल के कुप्रबंधन के कारण जान चली गई, जबकि शहर में स्थिति उच्च न्यायालय ने उचित दिशा और निर्देश सरकार और प्रशासन को दिया हुआ है और इसके चले ज़िले के कलेक्टर भी अपने दौरे कर के आए है, लेकिन सिम्स में कोई सुधार नहीं हुआ और रोज-रोज कोई न कोई मरीज इसका शिकार हो रहा है.

ये भी पढ़ें- बस्तर में इकलौता ऐसा नाग मंदिर जहां पीरियड्स से जुड़ी बीमारियां ठीक करने की मांगते हैं मन्नत, जानिए पूरी कहानी

डायरिया और मलेरिया से हुई कई मौतें

प्रदेश में डायरिया और मलेरिया इस कदर फैला हुआ है के हालात छुपे हुए नही है साफ़ पानी को भी बिलासपुर ज़िले के लोग तरस रहे है और न जाने कितनी मौतें डायरिया और मलेरिया से हो चुकी है और सरकारी आँकड़ों में पीड़ितों का हज़ार से ऊपर आंकड़ा पहुंच चुका है, सरकार का तंत्र पर्याप्त व्यवस्था नहीं कर पा रहा है.

सिम्स जैसे हॉस्पिटल में जहां लापरवाही जैसे आदत बन गई है और मरीज का इलाज जैसे एहसान करने के लिए किया जा रहा है या सिर्फ़ खानापूर्ति रह गया है क्योंकि रेफर का खेल वहां जोरो से चलता है. संभाग के बड़े हॉस्पिटल का ये हाल है तो बाक़ी हॉस्पिटल के बारे में क्या कह सकते है और ज़िम्मेदार लोग कोई सुनवाई नहीं कर रहे है और न ही उपलब्ध रहते है. एंबुलेंस भी न मिलना,व्हील चेयर न मिलना बड़ी खेद जनक बात है इससे गरीब कहां जाये और गरीबों के उत्थान के लिए सरकार रोज करोड़ों अपने विज्ञापन में खर्च कर रही है. सरकार को सिम्स की व्यवस्था बदलनी चाहिए और दोषी डॉक्टरों को विधि सम्मत कार्यवाही करनी चाहिए और पीड़ितों को न्याय मिलना चाहिए.

Exit mobile version