Chhattisgarh News: बीते दिनों प्रदेश के डिप्टी सीएम और गृह मंत्री विजय शर्मा ने पुनर्वास नीति को लेकर नक्सलियों से सुझाव मांगा था. जिसके लिए ई मेल आईडी और गूगल फॉर्म भी जारी किया गया था. अब इसे लेकर पीसीसी चीफ दीपक बैज ने विजय शर्मा को पत्र लिखकर अपना सुझाव दिया है.
पीडिया मुठभेड़ की हाईकोर्ट के जज की निगरानी में हो जांच – दीपक बैज
पीडिया मुठभेड़ हो या कांकेर के कोयलीबेड़ा मुठभेड़ की बात हो कांग्रेस पार्टी ने अपनी ओर से सवाल नहीं खड़ा किया, सवाल वहां के ग्रामीणों ने खड़ा किया है. कांग्रेस ने ग्रामीणों की मांग के बाद जांच कमेटी बनाया और जांच कमेटी में सभी आदिवासी नेता शामिल थे, जांच कमेटी ने ग्रामीणों से बात करने के बाद जो तथ्य पाया वह दुखद है. ग्रामीण और साक्ष्य बता रहे कि मुठभेड़ में मारे गए कुछ लोग निर्दोष थे तो सरकार को इस मामले की जांच कराने से क्या परहेज है? हाईकोर्ट के वर्तमान जज की देख-रेख में जांच करा ली जाय ताकि स्थितियां साफ हो सके. कांकेर में हुई मुठभेड़ में मारे गए लोगो के भी नक्सली होने पर सवाल खड़ा हुआ था तब भी जांच की मांग हुई थी, सरकार ने जांच क्यों नहीं करवाया था?
पूर्ववर्ती सरकार के विश्वास, विकास, सुरक्षा के मूलमंत्र को रखे जारी
उप मुख्यमंत्री जी आप बस्तर में शांति बहाली के लिए मुझसे सलाह मांग रहे तो मैं आपको बता दूं बस्तर को शासक बन कर नहीं अपना समझ कर देखिए, जो विश्वास पिछली सरकार ने आदिवासियों का अर्जित किया था उसको मत तोड़िये, जब तक बस्तर के लोगो का भरोसा अर्जित नहीं कर पाएंगे इस लड़ाई को नहीं जीत पाएंगे. पूर्ववर्ती सरकार के विश्वास, विकास, सुरक्षा के मूलमंत्र को जारी रखा जाय. सुरक्षा बलों को निर्देश दिया जाय कि किसी भी एनकाउंटर में निर्दोष आदिवासी की हत्या नहीं हो, किसी भी निर्दोष आदिवासी को जेल में न डाला जाय. सरकार का आचरण लोगों का भरोसा जीतने वाला हो इसी मूलमंत्र के रास्ते चल कर पूर्ववर्ती सरकार ने बस्तर में शांति की स्थापना में बड़ी सफलता हासिल किया था, यही मार्ग श्रेयष्कर होगा.