Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ को प्रदेश को 2023 तक टीबी की बीमारी से मुक्त करने का प्लान फेल हो गया है, इसके बाद भी यह उम्मीद नहीं दिख रही है कि आने वाले दो-तीन साल में भी छत्तीसगढ़ टीबी की बीमारी से मुक्त हो पायेगा, क्योंकि यहां पिछले तीन माह से इसके मरीजो को पर्याप्त दवाईया नहीं मिल पा रहीं हैं. ऐसे में आने वाले दिन टीबी के मरीजो के लिए खतरनाक हो सकते हैं.
टीबी मरीजों को नहीं मिल रही दवाइयां
छत्तीसगढ़ में टीबी के मरीजों को सरकारी अस्पतालो से टीबी की दवाई नहीं के बराबर मिल रहीं हैं, इसकी वजह से मरीज नियमित दवा का सेवन नहीं कर पा रहे हैं. वहीं टीबी की दवा डॉट्स मेडिकल स्टोर में मिलता भी नहीं है, अस्पतालो से जहां मरीजो को पहले 6 माह की एक मुश्त दवा दी जाती थी. वहीं अब सप्लाई नहीं होने की वजह से अस्पताल दो चार दिन की ही दवा दे रहें हैं. इससे मरीज नियमित दवा का सेवन नहीं कर पा रहें हैं. लेकिन डाक्टर भी मज़बूर हैं, उनका कहना है कि पर्याप्त मात्रा में दवा की सप्लाई नहीं होने से ऐसी स्थिति है.
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जिला टीबी अधिकारी ने दी जानकारी
जिला टीबी अधिकारी डॉक्टर राकेश गुप्ता ने कहा कि पहले 6 माह की दवा मरीजों को देते थे लेकिन अब दवाई की कमी हैं इसके कारण दो चार दिन की ही दवा दे पा रहें हैं. क्योंकि पहले केंद्र से इसकी सप्लाई होती थी लेकिन अब जिले स्तर से दवा खरीदी का आदेश है लेकिन बाजार में दवा नहीं है और मिल भी रहा है तो उसमें कई दिक्कत है.
छत्तीसगढ़ में टीबी के 55 हजार मरीज
बता दें कि छत्तीसगढ़ में टीबी के 55 हजार मरीज हैं. वहीं 2023 तक छत्तीसगढ़ को टीबी से मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया था. जो अब फेल हो चुका है. भारत को 2025 तक टीबी मुक्त करने का टारगेट है. छत्तीसगढ़ को टीबी से मुक्त करने हर ब्लाक में दो-दो टीबी मितान भी नियुक्त किया गया था, तो अकेले सरगुजा जिले में 1300 से अधिक टीबी के मरीज है, जिन्हें रेगुलर दवा नहीं मिल रहा है. छत्तीसगढ़ में टीबी का प्रकोप कितना गंभीर है, इसे इसी से समझा जा सकता है कि देश में एक लाख की जनसंख्या में 160 टीबी मरीज मिलते हैं लेकिन छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय आकड़ा से अधिक यानि एक लाख की जनसंख्या में 190 मरीज मिलते हैं.
लगाया जाएगा टीबी का टीका
ऐसे हाल में जहां एक तरफ मरीजो को टीबी की दवा नहीं मिल रही है वहीं टीबी से बचने अब स्वास्थ्य विभाग युवा व बुजुर्गों को बीसीजी का एडल्ट टीका लगायेगा. स्वास्थ्य विभाग के अनुसार बीसीसी का टीका वयस्कों को 15 साल तक टीबी से सुरक्षा देगा. बीसीजी का टीकाकरण के पूर्व पात्र लोगों से सहमति लिया जायेगा, इसमें उन परिवारों की चिन्हांकित किया जायेगा जिनके परिवार में कभी टीबी मरीज रहे हैं. बीसीजी का टीका 13 वर्ष या उससे अधिक उम्र के लोग जिन्हें पिछले 5 वर्ष में एक बार भी टीबी बीमारी हुई हो, 60 वर्ष और उससे अधिक के बुजुर्ग, धूम्रपान करने वाले, 3 साल से टीबी रोगियों के संपर्क में आने वाले, मधुमेह से पड़ित व्यक्ति, कुपोषित व्यक्ति टीकाकरण के लिए पात्र होंगे. सभी वर्गों में टीकाकरण स्वेच्छा से होगा वहीं जो टीबी से पीड़ित हैं वे टीकाकरण के लिए पात्र नहीं होंगे.