“जब तक हत्यारों के घरों पर नहीं चलेगा बुलडोजर, तब तक नहीं होगा…”, रिशू कश्यप हत्याकांड मामले में फूटा परिजनों का गुस्सा

Chhattisgarh News: दो आरोपियों ने रिशू का अपहरण कर जंगल में ले जाकर उसकी हत्या कर दी थी और शव को जला दिया था.
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रिशू कश्यप के परिजन

Chhattisgarh News: सरगुजा संभाग के प्रतापपुर शहर में रिशू कश्यप के हत्या के मामले में आरोपियों का मकान नहीं तोड़े जाने तक परिजनों ने उसका अंतिम संस्कार नहीं करने का फैसला किया है. परिजनों ने बताया कि तहसीलदार ने आरोपियों द्वारा सरकारी जमीन में बनाये गए मकान के खिलाफ उन्हें नोटिस जारी किया है और इसके बाद आरोपी पक्ष ने इस मामले में तहसीलदार के सामने अपना पक्ष रखा है, जिस पर सोमवार को सुनवाई होगी. इसके बाद मकान तोड़ने का फैसला लिया जा सकता है.

परिजनों ने फिर आंदोलन की दी चेतावनी

रिशू कश्यप के चाचा अजय कश्यप का कहना है कि इस मामले में वे अब तक प्रशासन के साथ हैं लेकिन सब्र का बांध टूटने पर फिर से आंदोलन किया जायेगा और इसी के तहत वे अंतिम संस्कार की प्रक्रिया नहीं कर रहे हैं. बता दें कि दूसरी तरफ पुलिस और फॉरेंसिक एक्सपर्ट जंगल में मिले रिशू के कंकाल का डीएनए टेस्ट कर रही है.  इसके लिए प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.

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क्या है पूरा मामला

बता दें कि प्रतापपुर में पड़ोस के दो आरोपियों ने रिशू का अपहरण कर जंगल में ले जाकर उसकी हत्या कर दी थी और शव को जला दिया था.  इसके बाद उसके बचे कंकाल को जंगल में फेंक दिया था. आरोपी शुभम और विशाल ने रिशू के घर के सामने से जंगल में हाथी दिखाने का झांसा देकर 29 जनवरी को अपहरण किया था.  इसके बाद उसी दिन हत्या कर दी थी, और उसके बाद वे रिशू के पिता को फोन कर फिरौती मांग रहे थे. वहीं पुलिस ने 26 फ़रवरी को इस मामले का खुलासा किया था. और पूरे शहर ने आरोपियों को फांसी देने के साथ उनके मकान को तोड़ने के लिए आंदोलन किया था. अभी भी आरोपियों के घर वाली सड़क को बेरीकेटिंग कर वाहनों के आवाजाही बंद रखा गया है, ताकि गुस्से में लोग किसी वारदात को अंजाम न दें.

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