Chhattisgarh: अंबिकापुर से ट्रकों में भरकर यूपी भेजी जा रही रेत, संगठित गिरोह कर रहा है अवैध कारोबार

Chhattisgarh News: पुलिस और खनिज विभाग के अधिकारी भी रेत के अवैध धंधे पर इसलिए कार्रवाई नहीं कर रहे हैं क्योंकि स्थानीय बड़े जन प्रतिनिधियों का संरक्षण मिला हुआ है. इस धंधे में जनप्रतिनिधियों के करीबी लोग शामिल हैं. जानकारों की माने तो हर रोज सरगुजा से 5 से 7 ट्रक अवैध रेत उत्तर प्रदेश भेजा जा रहा है.
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Chhattisgarh News: अंबिकापुर में रेत का अवैध कारोबार तेजी से शुरू हो गया है अंबिकापुर से ट्रकों में रेत उत्तर प्रदेश भेजा जा रहा है. अंबिकापुर से लगे नदियों से रेट ट्रैक्टर और टिप्पर वालों में लोड कर एक जगह डंप किया जा रहा है उसके बाद उसे ट्रकों में भरकर सप्लाई किया जा रहा है. रेत का यह अवैध धंधा पिछले कुछ महीनो में और तेज हुआ है. यही वजह है कि सूरजपुर जिले से भी बालू लेकर स्थानीय लोग अंबिकापुर ला रहे हैं और माफियाओं को बेच रहे हैं.

अम्बिकापुर में रेत खनन का अवैध व्यापार, पुलिस-प्रशासन नहीं कर रही कार्रवाई

पुलिस और खनिज विभाग के अधिकारी भी रेत के अवैध धंधे पर इसलिए कार्रवाई नहीं कर रहे हैं क्योंकि स्थानीय बड़े जन प्रतिनिधियों का संरक्षण मिला हुआ है. इस धंधे में जनप्रतिनिधियों के करीबी लोग शामिल हैं. जानकारों की माने तो हर रोज सरगुजा से 5 से 7 ट्रक अवैध रेत उत्तर प्रदेश भेजा जा रहा है. जहां एक ट्रक रेत ₹100000 तक में बिक रहा है वहीं यहां एक ट्रक रेत लोड करने में महज 7 से ₹10000 का ही खर्च आ रहा है. मतलब साफ है इस अवैध कारोबार में मुनाफा कई गुना अधिक है यही वजह है कि स्थानीय बड़े नेताओं व जनप्रतिनिधियों के करीबी भी इस अवैध कारोबार में लिप्त हो चुके हैं. जिला प्रशासन के कुछ अधिकारियों ने इसमें कार्यवाही करना चाहा था लेकिन निर्वाचित जनप्रतिनिधियों की संरक्षण के कारण पीछे हट गए, बता दे कि छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार आने के बाद सरकार ने घोषणा किया है कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बनने वाले मकान के लिए निशुल्क रेत उपलब्ध कराया जाएगा और अब माफिया इस निर्देश की आड़ में रेत की तस्करी कर रहे हैं. इतना ही नहीं अंबिकापुर सहित आसपास के इलाकों में रेत का अवैध भंडारण भी बड़े पैमाने पर किया गया है ताकि बरसात के दिनों में माफिया उसे और भी मांगे दामों पर बेच सकें इस अवैध भंडारा की जानकारी भी अवसरों को है लेकिन राजनीतिक संरक्षण कार्यवाही में बाधा बन रहा है.

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रेत माफियाओं के हौसले बुलंद

अंबिकापुर शहर में हर रोज करीब 200 ट्रैक्टर ट्राली और 100 टिप्पर वाहनों में रेट पहुंच रहा है जबकि अलग-अलग मार्गो में खनिज विभाग के बैरियर भी हैं, जहां पर इन वाहनों की जांच नहीं की जाती है. सबसे अधिक रेत लखनपुर, सूरजपुर क्षेत्र और प्रतापपुर व बलरामपुर इलाके से अंबिकापुर में पहुंच रहा है. बलरामपुर जिले के धंधापुर स्थित महान नदी व सूरजपुर जिले के खडगवा इलाके से रेत अंबिकापुर पहुंच रहा है, और इस मार्ग में खनिज विभाग के बैरियर नहीं है, इसकी वजह से भी माफियाओं के हौसले बुलंद हैं.

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