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Chhattisgarh: दिव्यांगों के लिए ट्राईसाइकिल खरीदने के नाम पर 1 करोड़ का घोटाला! ACB ने शासन के सचिव से मांगी जांच रिपोर्ट

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Chhattisgarh News: जिले के जिला पुनर्वास केंद्र में दिव्यांगों के ट्राई साइकिल, व्हीलचेयर, बैसाखी, ऑडियो मेटरी मशीन जैसी चीज खरीदने के नाम पर एक करोड़ रुपए का घोटाला सामने आया है. यह गड़बड़ी साल 2022-23 में हुई है जिसमें समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों की भूमिका भी संदेह के दायरे में है. इस पूरे मामले की शिकायत निशक्तजन अधिकार सहयोग समिति के पदअधिकारियों ने एंटी करप्शन ब्यूरो, राज्य सरकार और लोकायुक्त से की है. इसके बाद मामले में जांच टीम बैठ गई है. सबसे बड़ी बात यह है कि इस मामले में एक पुरानी जांच कांग्रेस सरकार ने कराई थी जिसे खारिज कर दिया गया है और दोबारा इस पूरे प्रकरण में जांच टीम का गठन किया जा रहा है.

छत्तीसगढ़ निशक्तजन सहयोग अधिकार समिति ने एंटी करप्शन ब्यूरो को लिखे पत्र में बताया है माह अक्टूबर 2022 से मार्च 2023 तक दिव्यांग जनों के हितार्थ के नाम पर एक करोड़ रुपए की अग्रिम राशि आहरित की गई है. इस पेज को निकाल कर ही जिला पुनर्वास अधिकारियों ने बड़ा खेल किया है जो कि नियम विरुद्ध है. आरोप लग रहे हैं कि इसमें फर्जी बिल लगाए गए हैं. इसके बाद ही उन पैसों का आहरण किया गया है जिन्हें विकलांगों के सामान खरीदने के नाम पर लगाया जाना था. जिस कंपनी से दिव्यांगों के लिए बैसाखी और ट्राई साइकिल की खरीदी हुई है उसे कंपनी के वैधता को लेकर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। कुल मिलाकर एंटी करप्शन ब्यूरो ने छत्तीसगढ़ शासन के सचिव को इस पत्र को आगे बढ़कर इस पूरे मामले में तथ्यों के साथ जांच रिपोर्ट की मांग की है। एंटी करप्शन ब्यूरो ने इसे शिकायत क्रमांक 82/2023 के आधार पर अपने पोर्टल में दर्ज किया है ताकि इसकी जांच पूरी हो सके.

गड़बड़ी में इन अधिकारियों के नाम

एंटी करप्शन ब्यूरो की भेजी गई सूची में श्रद्धा मैथ्यू का नाम है। जिन्हें पूर्व उपसंचालक जिला पुनर्वास केंद्र बताया गया है इसके अलावा आरएन बॉस, अखंड प्रताप गौतम, पूर्व संचालक जिला पुनर्वास केंद्र के साथ पुष्पा साहू भंडार शाखा प्रभारी, अनीश मानिकपुरी और रामशरण तिवारी लेखा अधिकारी और पूर्व भंडार प्रभारी का नाम अंकित है.

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यात्रा भत्ता, वहां ट्रेवल्स के अलावा ऑडियो मेटरी और मशीन उपकरण की खरीदी भी संदिग्ध

साल 2022-23 में जिला पुनर्वास केंद्र द्वारा जिस तरह के खर्च और गबन की बात कही जा रही है उनमें दिव्यांगों के लिए ऑडियोमेटरी मशीन, यात्रा भत्ता, वाहन ट्रैवल्स, फर्नीचर की खरीदी और अन्य चीज भी खरीदी गई है जिसको लेकर शिकायत में सवाल उठाए गए हैं। ऐसे ही खरीदियों को संदिग्ध बताया जा रहा है। जिस पर जांच टीम का गठन कर इसकी जांच शुरू करवाई जाएगी इसके बाद ही पूरा सच सामने आएगा.

इन 21 तरह के मामलों में किया गया खर्च

जिला पुनर्वास केंद्र के अधिकारियों ने एक करोड रुपए को जहां खर्च किए है उनमें ऑफिस के खर्च भी शामिल हैं जिनमें दूरभाष पर खर्च, मजदूरी खर्च, बिजली खर्च, फर्नीचर उपकरण की खरीदी, मोटर गाड़ी पेट्रोल, लेखन सामग्री, पुस्तकें एवम नियतकालिक पत्रिकाएं जैसी चीज भी शामिल है. कुल मिलाकर इनकी भी जांच होनी तय है और गड़बड़ी में शामिल अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही भी होने की बात कही जा रही है.

जिला पुनर्वास केंद्र की प्रभारी अधिकारी पुष्पा साहू का कहना है कि जिला पुनर्वास केंद्र में साल 2022 से साल 2023 के बीच एक करोड़ रुपए की खरीदी तो हुई है. हमारे हिसाब से तो सब कुछ नियम से हुआ है लेकिन अंदर और कुछ होगा तो हमें उसकी जानकारी नहीं है, क्योंकि यह मामला एंटी करप्शन ब्यूरो और राज्य शासन से जुड़ा हुआ है इसलिए हमारा बोलना ज्यादा ठीक नहीं है लेकिन पूरा मामला जांच के बाद ही स्पष्ट होगा कि कहां गड़बड़ी हुई है और कहां नहीं हुई है। जिला पुनर्वास केंद्र में दिव्यांगों के समान के खरीदी के नाम पर ही शिकायत हुई है जिसकी जांच आवश्यक है जो हो जानी चाहिए.

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