Chhattisgarh News: सड़क हादसों पर राज्य शासन और नेशनल हाईवे ने शपथपत्र प्रस्तुत कर सड़क हादसे के लिए मवेशियों, खड़े वाहनों को जिम्मेदार बताया. इसके लिए बैठक और सतर्कता उपाय करने की भी जानकारी दी. हाई कोर्ट ने परिवहन विभाग को भी जवाब देने के निर्देश देते हुए सुनवाई जुलाई अंतिम सपताह तक बढ़ा दी है.
सड़क हादसों पर हाई कोर्ट ने राज्य शासन से मांगा जवाब
ओद्योगिक प्रदूषण से सीएफटीपीपी यूनिट्स में बीमार होते श्रमिकों के मामले में एक साथ कई याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए कुछ माह पूर्व चीफ जस्टिस ने कहा था कि , हम आये दिन इस तरह की खबरें सुनते और पढ़ते रहते हैं, कि सड़क पर किसी न किसी की जान एक्सीडेंट में जा रही है. लगातार यह हादसे हो रहे हैं, लोग अपनी जान गंवा रहे हैं , इस पर शासन क्या कदम उठा रहा है? हम शासन से चाहेंगे कि, वह पिछले 6 माह में कितने एक्सीडेंट हुए हैं. इसकी रिपोर्ट दें, इस पर हम एक पीआईएल रजिस्टर्ड करेंगे. प्रदेश में हो रही सडक दुर्घटनाओं पर चिंता व्यक्त कर कोर्ट ने दुर्घटनाओं का डाटा पेश करने को कहा था.
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राज्य शासन ने मवेशियों और खड़े वाहनों को बताया सड़क हादसों का जिम्मेदार
आज मंगलवार को डिविजन बेंच में हुई सुनवाई में राज्य शासन और एनएचएआई ने अपनी ओर से शपथपत्र प्रस्तुत कर दिया. इसमें कहा गया कि, सड़कों पर जो पालतू जानवर छोड़ दिये जाते हैं. उनके कारण इस तरह की दुर्घटनाएं बढ़ती जा रही हैं. इसके अलावा कई भारी वाहन जो सड़क किनारे खड़े कर दिये जाते हैं, रात में इनके ठीक से दिखाई न देने के कारण दुसरे वाहन इनसे टकरा जाते हैं. चीफ जस्टिस ने इस पर परिवहन विभाग से भी जवाब तलब कर सुनवाई जुलाई माह में निर्धारित की है. हाई कोर्ट ने इस पूरे मामले में चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि लोग काम होने के बाद मवेशी को छोड़ देते है. इस पर सरकार कुछ नहीं का रही. हाई कोर्ट के आसपास 500 मीटर के दायरे में कोई दुकान नहीं होना चाहिये यहां किसी ने देखा नहीं. हाई कोर्ट गेट के पास चाय का होटल है. यह बड़ी दिक्कत है.