Chhattisgarh News: बिलासपुर में रेलवे का सबसे बड़ा केंद्रीय अस्पताल सर्दी, खांसी और पथरी जैसे इलाज के लिए बनकर रह गया है. यही वजह है कि ज्यादातर मरीजों को निजी अस्पतालों में रेफर किया जा रहा है. आंकड़े बताते हैं कि पिछले 12 साल में 21 हजार मरीजों को निजी अस्पतालों में इलाज के लिए रेफर किए गए हैं, और लगभग 211 करोड़ रुपए का भुगतान उन्हें किया गया है.
रेलवे के केंद्रीय अस्पताल में सीटी स्कैन और एमआरआई की सुविधा नहीं
यही वजह है कि यहां आने वाले मरीजों को कई तरह की समस्या हो रही है. रेलवे का केंद्रीय अस्पताल सिर्फ बिलासपुर नहीं बल्कि रायपुर और नागपुर जैसे डिवीजन के लिए भी बना हुआ है. रेलवे के 2 लाख से अधिक कर्मचारी और उनके परिजन यहां इलाज करने आते हैं. बड़ी बात यह है कि इन सब के बावजूद यहां की सुविधाएं बढ़ने का नाम नहीं ले रही है. सीटी स्कैन और एमआरआई जैसी सुविधाओं के लिए 10 से 20 किलोमीटर का सफर करना पड़ रहा है. साथ ही सांस फूलने पर यदि मरीज जहां पहुंचे तो उसे भी इसकी जांच के लिए 10 किलोमीटर का सफर करना पड़ेगा और मरीज के परिजनों के अनुसार हजार से ₹1200 लगना तय है. इसके अलावा यहां आने वाले मरीजों को व्हीलचेयर की सुविधा भी नहीं मिल रही है जो वह खुद बताते हैं. बड़ी बात यही की रेलवे के कर्मचारी अब रेल प्रशासन से कुछ कहना ही नहीं चाहते क्योंकि उनका कहना है कि वह अपनी समस्या बताते बताते थक चुके हैं.
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जानिए किस तरह की दिक्कत झेल रहे मरीज
बिलासपुर के वॉयरलैस कॉलोनी में रहने वाले कर्मचारियों ने अपने बेटे को साथ संबंधी बीमारी को लेकर केंद्रीय अस्पताल लाया लेकिन यह जांच की सुविधा नहीं थी. इसलिए वे अपने बेटे की सांस की जांच के लिए एक निजी अस्पताल में गए और वहां ₹1200 में यह जांच करवाई जिसके बाद डॉक्टरों ने उसे दिखा.रेलवे कर्मचारी का आरोप है कि यहां के डॉक्टर ठीक से इलाज नहीं कर रहे हैं.
एंबुलेंस की सुविधा तक नहीं मिलती
रेलवे कर्मचारियों का कहना है कि यहां एंबुलेंस की सुविधा नहीं मिल रही है इसी कारण कर्मचारी उन्हें जांच केंद्र तक छोड़ तो देते हैं, लेकिन वापस आने में उन्हें काफी समस्या होती है. इसके अलावा भी जांच और इलाज के लिए उन्हें भटकना करना पड़ रहा है.
सिर्फ काम कराते है, लेकिन छुट्टी व इलाज नहीं – कर्मचारी
रेलवे के कर्मचारी अपने ही प्रबंधन पर आरोप लगा रहे हैं कि यहां सिर्फ काम ही लेते हैं छुट्टी नहीं मिलती और जब इलाज की बात आती है तो अधिकारी उनसे मुंह मोड़ लेते हैं. खुद रेल कर्मचारी हो या उनके परिजन उन्हें काफी समस्या हो रही इसलिए ही उन्होंने यहां की व्यवस्था को दुरुस्त करने की मांग की है.
रेलवे जोन के सीपीआरओ ने दी जानकारी
रेलवे के केंद्रीय अस्पताल में जांच को लेकर कई तरह की मशीन उपलब्ध है, आने वाले दिन में भी कई सुविधा मिलने वाली है. थोड़ी जो तकलीफें हैं, वह जल्द दूर हो जाएंगे. किसी को समस्या नहीं होगी.